भोपाल। राजधानी में बुधवार को पुलिस ने मानव तस्करी से जुड़े एक संगठित गिरोह का खुलासा कर दिया। हबीबगंज थाना पुलिस की सतर्कता से एक नाबालिग लड़की को सुरक्षित छुड़ा लिया गया, जिसे जबरन शादी कराने के इरादे से अगवा कर बेचा गया था। इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत दो लोगों को हिरासत में लिया है। पकड़ी गई महिला पर पहले से भी शहर के कई थानों में करीब आधा दर्जन केस दर्ज हैं। वहीं गिरोह के चार नामजद आरोपी और कुछ अन्य संदिग्ध फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।
थोड़ी सी देर होती तो अनहोनी तय थी
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह एक किशोरी को बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाने की फिराक में था। लेकिन समय रहते हबीबगंज पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरे प्लान पर पानी फेर दिया और लड़की को सही सलामत उसके घर पहुंचाया।
बेटी के लापता होने पर बिछाई गई थी तलाश
हबीबगंज थाना प्रभारी संजीव चौकसे ने जानकारी दी कि बीते 6 फरवरी को अरेरा कॉलोनी निवासी 48 वर्षीय पिता ने अपनी नाबालिग बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक, 2 फरवरी की शाम करीब सात बजे बेटी कोचिंग छोड़ने की बात पर घर से नाराज होकर चली गई थी। परिवार ने खुद उसे ढूंढने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं लगा तो अपहरण की आशंका जताई गई। इसी आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की और इस गिरोह तक पहुंच गई।
ये आरोपी आए पुलिस के शिकंजे में
इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में कुसुम विश्वकर्मा (47) शामिल है, जो भोपाल के राजेंद्र नगर इलाके की रहने वाली है। दूसरा आरोपी नरेंद्र कुमार दारा उर्फ मोदी (25) है, जिसका घर गरिंडा गांव, तहसील फतेहपुर जिला सीकर जो राजस्थान में है।
फरार आरोपियों की तलाश जारी
फिलहाल पुलिस ने बाकी नामजद आरोपियों और कुछ अन्य संदिग्धों को पकड़ने के लिए टीमें गठित कर दी हैं। पुलिस को शक है कि इस रैकेट के तार और भी लोगों से जुड़े हो सकते हैं। मामले की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि सभी दोषियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके।