होम देश / विदेश मध्यप्रदेश राजनीति धर्म/अध्यात्म ऑटोमोबाइल सरकारी योजना खेल समाचार
By
On:

Suraj Sen

Published on:

सावन के पहले दिन नदी में उतरी महिला को मगरमच्छ ने बनाया निवाला, शव एक घंटे बाद मिला

दमोह। सावन का महीना शुरू ...

[post_dates]

Reporter

Published on:

[featured_caption]

दमोह। सावन का महीना शुरू होते ही दमोह जिले में दर्दनाक हादसा हो गया। शुक्रवार की सुबह कनियाघाट पटी गांव में व्यारमा नदी में पानी भरने गई एक महिला को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया। हादसा इतना अचानक हुआ कि देखते ही देखते मगरमच्छ महिला को खींचकर गहरे पानी में ले गया। ग्रामीणों ने बताया कि 40 वर्षीय मालतीबाई पति मेघराज सिंह अपनी एक सहेली के साथ तड़के करीब छह बजे नदी पहुंची थीं। सावन के पहले दिन घर के लिए पवित्र जल लेने की मान्यता होती है, इसी के लिए दोनों महिलाएं डिब्बा लेकर घाट पहुंचीं। मालती नदी के अंदर उतरकर पानी भर ही रही थी कि तभी पानी में छिपे मगरमच्छ ने उसके पैर को दबोच लिया। उसकी सहेली ने शोर मचाया और आसपास मौजूद लोग भी मौके पर दौड़े, लेकिन तेज बहाव और मगरमच्छ की ताकत के आगे किसी की हिम्मत नहीं चली। देखते ही देखते वह मगरमच्छ महिला को खींचता हुआ नदी के बीचोंबीच ले गया।

घटना के समय एक ग्रामीण ने यह भयावह मंजर अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद मालतीबाई का शव नदी के दूसरे किनारे झाड़ियों में फंसा मिला। घटना की गंभीरता को देखते हुए दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर, एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी और डीएफओ ईश्वर जरांडे भी तुरंत मौके पर पहुंचे और पूरे हालात का जायजा लिया।

वन विभाग के अफसरों के मुताबिक व्यारमा नदी में पिछले कुछ सालों में मगरमच्छों की तादाद काफी बढ़ गई है। इसी वजह से नदी के कई घाटों और किनारों पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए थे और गांव-गांव में मुनादी भी करवाई गई थी कि लोग सतर्क रहें।

इसके बावजूद लोग धार्मिक आस्था या लापरवाही के चलते ऐसी खतरनाक जगहों तक पहुंच जाते हैं। यही नहीं, यही इलाका पिछले साल भी ऐसे हादसे का गवाह बना था। हटरी गांव में एक 10 साल के बच्चे को भी मगरमच्छ ने इसी तरह पानी में खींच लिया था। उस वक्त भी बच्चे का शव घंटों बाद झाड़ियों में फंसा मिला था।

नोहटा, बनवार, माला, जुझार समेत इस पूरे बेल्ट में कई बार बड़े मगरमच्छ रिहायशी इलाकों तक देखे जा चुके हैं। वन विभाग की टीमें अब तक कई मगरमच्छों को पकड़कर सुरक्षित ठिकानों तक पहुँचा चुकी हैं। लेकिन खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए घाटों पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।

Loading

Join our WhatsApp Group
Reporter

मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
Reporter
प्रमुख खबरें
View All
error: RNVLive Content is protected !!