सागर/मालथौन : क्षेत्र के बरोदियाकलां संकुल अंतर्गत आने वाले मढ़ावन गौरी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मनीष गौतम (35 वर्ष) ने रविवार देर रात फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।
परिवार के साथ रहते थे किराए के मकान में
जानकारी के अनुसार मनीष अपनी पत्नी और बच्चों के साथ चंद्रशेखर वार्ड स्थित किराए के घर में रह रहे थे। परिजनों ने बताया कि वह लंबे समय से शराब का अधिक सेवन करते थे और इस कारण उनकी तबीयत भी प्रभावित रहती थी। इसके अलावा उन पर कर्ज का बोझ भी बढ़ चुका था, जिससे वे मानसिक तनाव में रहते थे।
रात में सोने गए, सुबह मिला शव
रविवार रात लगभग 11:30 बजे मनीष ने परिवार के साथ भोजन किया और फिर अपने कमरे में सोने चले गए। अगली सुबह जब पत्नी और बच्चों ने उन्हें जगाने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला। संदेह होने पर परिजनों ने आगे वाले कमरे का दरवाज़ा खोला, जहां उन्होंने देखा कि मनीष फंदे से लटके हुए हैं।
पुलिस ने किया पंचनामा
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। उपनिरीक्षक लखन राज ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या के पीछे कर्ज का दबाव और शराब की लत मुख्य कारण प्रतीत हो रहे हैं, हालांकि वास्तविक वजह का खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही होगा।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही परिजनों और परिचितों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं ताकि आत्महत्या के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
हमारे बारे में
योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है।
पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है।
योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है।
उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।