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MP : बहन ने राखी बांधने से किया इंकार, गुस्साए भाई ने प्रेमी को घने जंगल में उतारा मौत के घाट

MP : बहन ने राखी ...

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MP : बहन ने राखी बांधने से किया इंकार, गुस्साए भाई ने प्रेमी को घने जंगल में उतारा मौत के घाट

MP: सिवनी जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। यहां एक युवक ने सिर्फ इसलिए अपने बहन के दोस्त की जान ले ली क्योंकि रक्षाबंधन के दिन बहन ने उसे राखी बांधने से इंकार कर दिया था। इस हत्या की कहानी में नफरत, गुस्सा और बहन के सम्मान को लेकर जुनून इतना हावी हो गया कि आशीष उर्फ बिहारी (19) ने अपने चार दोस्तों संग मिलकर एक युवक की निर्मम हत्या कर दी।

प्यार में पड़ी बहन और नाराज भाई

जबलपुर के कूडो बुधवारा गांव का रहने वाला 19 वर्षीय सत्येंद्र उइके पिछले एक साल से गांव की ही एक नाबालिग किशोरी से प्रेम संबंध में था। यह किशोरी और कोई नहीं बल्कि आरोपी आशीष की बहन थी।
करीब एक साल पहले आशीष ने दोनों को साथ देखा था और उसी समय चेतावनी दी थी कि अगर वह बहन के करीब दोबारा दिखा तो अंजाम बुरा होगा। इसके बाद आशीष नौकरी की तलाश में भोपाल चला गया, लेकिन सत्येंद्र और किशोरी की मुलाकातें जारी रहीं।

रक्षाबंधन पर टूटा भाई का सब्र

7 अगस्त को आशीष छुट्टी लेकर रक्षाबंधन मनाने गांव लौटा। उसी दिन उसने फिर बहन को सत्येंद्र से बातचीत करते देख लिया। गुस्से में आकर उसने न सिर्फ सत्येंद्र को धमकाया बल्कि अपनी बहन को भी पीटा। इस घटना से आहत बहन ने ठान लिया कि राखी के दिन वह भाई की कलाई पर धागा नहीं बांधेगी।
9 अगस्त को रक्षाबंधन पर आशीष दिनभर बहन से राखी बंधवाने का इंतजार करता रहा, लेकिन उसकी कलाई सूनी रह गई। यही बात उसके दिल में नासूर बन गई। गुस्से और अपमान से भरा आशीष दोस्तों के साथ बैठा और सत्येंद्र को खत्म करने की योजना बनाई।

“तुम्हारी बहन हमारी भी बहन है” – दोस्तों ने दिया साथ

आशीष ने जब अपने दर्द की कहानी दोस्तों को सुनाई तो सभी ने हामी भर दी। हेमराज, ब्रजेश, शिवदीन और सचिन ने कहा – “तेरी बहन हमारी भी बहन जैसी है, चल उसे सबक सिखाते हैं।” इसके बाद हत्या का प्लान तैयार किया गया।

15 अगस्त को रची गई साजिश

योजना के मुताबिक, 15 अगस्त की दोपहर ब्रजेश ने सत्येंद्र को मंडला घुमाने के बहाने बुलाया। बाइक पर वह ब्रजेश और सचिन के साथ निकला, लेकिन बीझा के जंगल में पहुंचते ही वहां पहले से आशीष, हेमराज और शिवदीन घात लगाए बैठे थे।
सत्येंद्र कुछ समझ पाता, इससे पहले ही सभी ने मिलकर उस पर हमला कर दिया। लात-घूंसों की बौछार के बीच आशीष ने उसकी गर्दन दबाते हुए कहा – “इस जन्म में तू मेरी बहन से बहुत दूर जा रहा है।” और देखते ही देखते सत्येंद्र की जान चली गई।

लाश को जंगल में फेंका, चेन्नई में मनाई पार्टी

हत्या के बाद आरोपियों ने शव को घने जंगल में फेंक दिया, ताकि कोई पहचान न कर सके। फिर सभी वहां से फरार हो गए। आशीष अपने तीन साथियों के साथ चेन्नई पहुंचा और वहीं सत्येंद्र का मोबाइल बेचकर मिली रकम से पार्टी की। उन्हें यकीन था कि उनका राज कभी नहीं खुलेगा।

गायब युवक और बहन की गवाही

15 अगस्त की दोपहर जब बहन ने सत्येंद्र को बाइक पर जाते देखा था, तो उसने यह बात परिवार और बाद में पुलिस को भी बताई। 16 अगस्त को जब सत्येंद्र घर नहीं लौटा, तो परिजनों ने घंसौर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई।
20 अगस्त को चरवाहों ने जंगल में बदबू आने पर शव देखा। पहचान मुश्किल थी, लेकिन कलाई पर बंधे कड़े और राखी ने राज खोल दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि गला दबाकर हत्या की गई है।

पुलिस के जाल में फंसा गैंग

बहन की गवाही और शक के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले सचिन को दबोचा। पूछताछ में उसने पूरी साजिश खोल दी। इसके बाद पुलिस ने आशीष और उसके अन्य तीन साथियों को सागर से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने खुलासा किया कि हत्या की वजह बहन का राखी न बांधना और सत्येंद्र से उसका रिश्ता था, जिसने आरोपी भाई के गुस्से को और भड़का दिया।

यह केस सिर्फ एक प्रेम कहानी का अंत नहीं है, बल्कि उस जुनून और गलत सोच का नतीजा है जिसमें सम्मान और रिश्तों की आड़ लेकर खून तक बहा दिया गया।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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