शहडोल। जिले के सीधी थाना क्षेत्र के ग्राम दरेन में दोहरी हत्या के मामले में अदालत ने आरोपी महिला को कड़ी सजा सुनाई है। जयसिंहनगर न्यायालय ने उर्मिला कुशवाहा (29 वर्ष), पत्नी कामता उर्फ शंभू कुशवाहा को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश जयसिंहनगर की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्रा ने गवाहों का परीक्षण कराया, जबकि अंतिम बहस सहायक अभियोजक नवीन कुमार वर्मा ने रखी। जिला अभियोजन अधिकारी हरिओम कुसुमाकर बैस ने बताया कि इस मामले को जिला स्तरीय समिति ने जघन्य और सनसनीखेज अपराधों की सूची में शामिल किया था।
अभियोजन ने कोर्ट में 26 गवाह और 15 दस्तावेज पेश किए। इस प्रकरण की शुरुआती विवेचना आर.के. मिश्रा ने की थी, लेकिन उनके निधन के बाद मामले को उपनिरीक्षक एम.के. शुक्ला ने प्रमाणित किया।
इस तरह हुई थी वारदात
17 जून 2019 की रात मृतका सावित्री (उर्मिला की सास) और उसकी नातिन लक्ष्मी घर में सो रही थीं। उसी समय उर्मिला ने फावड़े से सावित्री के सिर और गर्दन पर कई वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान लक्ष्मी जाग गई और शोर मचाने लगी। पकड़े जाने के डर से उर्मिला ने उस पर भी फावड़े से हमला कर उसकी जान ले ली।
हत्या के बाद उर्मिला ने सावित्री का शव घसीटकर आंगन में गोबर के ढेर में छिपा दिया और लक्ष्मी के शव को कथरी में लपेटकर लोहे के बक्से में डाल दिया। कुछ समय बाद उसने लक्ष्मी के शव को बाहर निकालकर गांव के ही एक क्षतिग्रस्त कुएं में फेंक दिया और ऊपर से झाड़ियां डालकर छिपाने की कोशिश की।
ऐसे हुआ खुलासा
21 जून की सुबह गांव की महिला पूनम कुशवाहा ने अपने आंगन के पास से तेज बदबू आने पर तलाश की तो गोबर के ढेर में लाश देखी। उसने तुरंत उर्मिला को सूचना दी। इसके बाद उर्मिला ने नाटकीय अंदाज में पूरे गांव वालों से कहा कि उसकी बाड़ी में कोई शव पड़ा है। सरपंच और ग्रामीणों ने पुलिस को खबर दी।
पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि शव सावित्री का है, जबकि लक्ष्मी का शव पास के कुएं से बरामद हुआ। दोनों शव सड़ चुके थे। जांच में सबूत सामने आने पर यह साबित हुआ कि हत्या उर्मिला ने ही की है।
कोर्ट का फैसला
पुलिस ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने अभियोजन के सभी तर्कों को सही मानते हुए आरोपी उर्मिला को दोषी पाया और उसे दोहरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई।