सागर में यूरिया खाद की किल्लत पर किसानों का गुस्सा फूटा, अस्पताल चौराहे पर दो घंटे तक चक्काजाम
सागर। यूरिया खाद की कमी से जूझ रहे किसानों का सब्र आखिरकार बुधवार को टूट गया। रहली क्षेत्र के दर्जनों किसान अचानक सड़क पर उतर आए और अस्पताल चौराहे पर करीब दो घंटे तक चक्काजाम कर दिया। इस दौरान किसान प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे और कहा कि खेती उन्हीं की मेहनत पर चल रही है, लेकिन जब जरूरी खाद की जरूरत होती है तो वह उपलब्ध नहीं कराया जाता।
रहली केंद्र पर नहीं मिला खाद, भड़के किसान
मामला तब बिगड़ा जब रहली के खाद वितरण केंद्र पर सैकड़ों किसान सुबह से लाइन लगाकर पहुंचे। किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें लंबे इंतजार के बाद खाद मिल जाएगा, लेकिन केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों ने साफ कह दिया कि आज खाद का वितरण नहीं होगा। यह सुनते ही किसान भड़क गए और सामूहिक रूप से अस्पताल चौराहे की ओर कूच कर गए।
सड़क पर बैठकर किया प्रदर्शन
गुस्साए किसानों ने सड़क पर ही बैठकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि बरसात का मौसम गुजर रहा है और फसलों को समय पर यूरिया खाद की जरूरत है, लेकिन उन्हें हफ्तों से केवल आश्वासन ही मिल रहा है। किसानों का आरोप था कि शासन उनकी मेहनत और वोटों के दम पर सत्ता चला रहा है, लेकिन जब खाद जैसी बुनियादी जरूरत सामने आती है, तो प्रशासन की मशीनरी फेल साबित होती है।
किसानों की मांग – “जिसको जितना चाहिए उतना खाद मिले”
प्रदर्शन के दौरान किसान अरविंद कुर्मी ने कहा कि वे पिछले छह दिनों से खाद लेने के लिए बार-बार केंद्र के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगती है। उन्होंने मांग की – “किसानों को जिसको जितना यूरिया चाहिए, उतना मिलना चाहिए। यह हमारी मेहनत और फसल के लिए जरूरी है। अधिकारी हमें इधर-उधर भटका रहे हैं।”
दो घंटे जाम से ठप रहा यातायात
चक्काजाम की वजह से देवरी-रहली मार्ग पर लंबा जाम लग गया। राहगीरों और वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत शुरू की।
प्रशासन की सफाई
मामले पर तहसीलदार राजेश पांडे ने बताया कि किसानों को खाद वितरण को लेकर गलत जानकारी मिली थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि खाद का स्टॉक उपलब्ध है और गुरुवार से किसानों को वितरण किया जाएगा। अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया और समझाइश के बाद जाम खत्म कराया गया।
किसानों का असंतोष बरकरार
हालांकि प्रशासन ने यह कहकर मामला शांत करा दिया, लेकिन किसानों के भीतर असंतोष अब भी बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि खेती के चरम समय में खाद की कमी उनकी सबसे बड़ी समस्या है, और यदि समय पर समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।
हमारे बारे में
योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है।
पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है।
योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है।
उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।