Sagar News : शाहगढ़ तहसील में इन दिनों नशाबंदी और शराबबंदी को लेकर जिरह छिड़ी हुई है, इस जिरह के बीच सागर जिले का रूरावन गांव एक मिसाल बनकर सामने आया है, जहां गांव के लोगों ने शराबबंदी को सफल बनाने में कामयाबी हासिल की है, रूरावन ऐसा गांव है जहां महिलाओं युवाओं ने शराबबंदी के खिलाफ आवाज बुलंद की थी, उसी का नतीजा यह हुआ कि गांव में शराब बेचने और पीने वालों में हमेशा दिन हो या रात हमेशा दहशत बनी रहती हैं। गांव में शादी समारोह से लेकर किसी भी अन्य उत्सव में शराब सेवन को पूरी तरह से बंद किया गया है। जो व्यक्ति गांव में शराब पीकर आता है अथवा बेचता है उस पर दो हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है, इस अभियान की शुरूआत गांव की युवाओं और अन्य महिलाओं ने एक माह पहले शुरू की थी, गांव के नीरज लोधी बताते हैं कि दो माह पहले नशे के खिलाफ पुलिस और जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बैठक की गई थी जिसमें तय हुआ था कि गांव में अगर कोई शराब पीकर आता है तो पांच सौ से दो हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जायेगा, वे कहते हैं कि अगर व्यक्ति सुबह और शाम को घर में पूजा करता है साथ ही बच्चों के साथ समय बिताता है तो वह कभी शराब को हाथ नहीं लगायेगा, इस मुहिम के बावजूद कई बार गांव के कुछ लोग शराब पीकर आये तो उन पर जुर्माना लगाया गया, गांव के गोपाल अहिरवार बताते हैं कि उनके यहां कई बार हिदायत के बाद भी गांव में कुछ लोग शराब पीकर आये तो उनसे जुर्माना वसूला गया, जिसमें महीप सिंह लोधी, कपुरसिह लोधी, इंद्रराज सिंह लोधी इन तीनों से दो-दो हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया, साथ ही प्रीतम धानक, उमेश अहिरवार, दीपक लोधी को आगामी बैठक तक हिदायत दी गई है अगर शराब पीकर मिले तो इन तीनों से भी जुर्माना वसूला जायेगा। वही समाज के कार्यक्रम से भी इनको निष्कासित किया जायेगा, फिलहाल चेतावनी देते हुये छोड़ा है। बताया गया है कि गांव के लोगों ने एक टीम बनाई है जो पीने और बेचने पर नजर रखती है। अभी तक शराब पीने वालों से छह हजार से ज्यादा की वसूली की जा चुकी है और इसका उपयोग मंदिर के भगवान की पूजा अर्चना, यज्ञ और हवन अथवा गरीब कन्या के विवाह पर खर्च किया जायेगा। इसके अलावा अगर उक्त युवक छह माह तक शराब नही पीता है तो वसूली गई जुर्माना की राशि के अलावा अतिरिक्त राशि देकर उसको वापिस दी जायेगी।
शराब बंदी कर रहे गावों में पुलिस प्रशासन से सहयोग मांगा
क्षेत्र के कई गांवों में ग्रामीणों द्वारा पूर्ण शराबबंदी लागू की गई है। शराब सहित अन्य नशीले पदार्थ बेचने व सार्वजनिक जगहों पर पीने पिलाने वालों पर अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। नियम तोड़ने वालों पर सख्ती दिखाते हुये सामूहिक जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस प्रशासन का सहयोग जरूरी है। बैठक में केवल नियम ही नहीं बना रहे हैं बल्कि गांव की शांति भंग करने की स्थिति में जुर्माना कर दंडित किया जा रहा है। महिलाओं ने बताया कि शराब की वजह से घरेलू कलह, मारपीट और बच्चों पर गलत असर बढ़ रहा था। स्कूली बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे थे। ग्रामीणों का मानना है कि यह कदम सामाजिक और पारिवारिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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