सागर/बीना। सागर जिले के भानगढ़ थाने में मंगलवार शाम एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब 50 वर्षीय मालक यादव, निवासी धमना, ने पुलिस परिसर के भीतर ही चूहामार दवा का सेवन कर लिया। अचानक हुई इस घटना से थाने में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों ने उसे सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
जमीन विवाद से शुरू हुआ पूरा मामला
घटना की पृष्ठभूमि एक पुराने भूमि विवाद से जुड़ी है। मालक यादव और उनके गांव के ही राजाराम यादव एवं पुष्पेंद्र यादव के बीच जमीन को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा है।
मालक ने बताया कि 30 अक्टूबर को खेत से लौटते समय दोनों पक्षों में विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई। इस झगड़े के बाद पुलिस ने दोनों तरफ से मामला दर्ज कर लिया था।
मालक का आरोप — दो दिनों तक थाने में बैठाए रखा, रिश्वत मांगी गई
अस्पताल ले जाने से पहले मालक ने जो बातें कही, उसने मामला और गंभीर बना दिया।
उसका आरोप है कि पुलिस ने उसे गिरफ्तारी के दबाव में लगातार दो दिनों तक थाने में बैठाए रखा।
उसने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों ने उससे 10,000 रुपये रिश्वत की मांग की और पैसे न देने पर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था।
मालक के अनुसार, मंगलवार दोपहर जब पुलिस उसे लॉकअप में बंद करने ले जा रही थी, तभी उसने मानसिक तनाव में आकर थाने में ही चूहामार दवा खा ली।
पुलिस का पक्ष: आरोप पूरी तरह निराधार
वहीं थाना प्रभारी घनश्याम शर्मा ने मालक द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर को मालक और उसके बेटे कृष यादव के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज था। पुलिस ने सिर्फ बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया था और मालक स्वयं थाने पहुंचा था।
थाना प्रभारी के अनुसार, “थाने में मौजूद रहते हुए मालक ने अचानक कोई पदार्थ खा लिया। हमने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। रिश्वत मांगने का आरोप पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद है।”
अस्पताल में हालत गंभीर, जांच आगे बढ़ने की संभावना
डॉ. दीपक तिवारी ने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद मरीज की स्थिति गंभीर थी, इसलिए उसे बेहतर इलाज के लिए सागर रेफर कर दिया गया।
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए माना जा रहा है कि उच्च अधिकारी मामले की जांच कर सकते हैं।








