बीना की जर्जर रेलवे कॉलोनी में हादसा टला, दीवार गिरी लेकिन बच गए परिवार
बीना। शहर की पूर्वी रेलवे कॉलोनी में बुधवार की सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। आरबी सेक्टर स्थित मर्टर नंबर 274 की एक दीवार तड़के करीब चार बजे भरभराकर गिर गई। घटना के समय यहां रहने वाले रेलवे के प्वाइंट्समैन अमित घेंघट अपने पूरे परिवार के साथ घर के अंदर सो रहे थे। सौभाग्य से सभी सदस्य सुरक्षित हैं और किसी को कोई चोट नहीं पहुंची।
आमित ने जानकारी देते हुए बताया कि वे लगातार वर्ष 2023 से ही इस मकान की जर्जर हालत की शिकायत रेलवे इंजीनियरिंग विभाग से कर रहे हैं। कई बार लिखित आवेदन देने के बाद भी विभाग की ओर से केवल निरीक्षण कर खानापूर्ति की गई, लेकिन मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अमित के अनुसार, बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है और दीवारों की दरारों से जहरीले कीड़े घर में घुस आते हैं, जिससे परिवार का रहना बेहद मुश्किल हो गया है।
पूर्वी और पश्चिमी रेलवे कॉलोनियों में कुल 625 क्वार्टर हैं, जिनमें से 100 से ज्यादा मकान बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं। इनकी हालत इतनी खराब हो गई है कि कई कर्मचारियों ने अपने परिवार को अस्थायी रूप से अन्य स्थानों पर भेज दिया है। कुछ मकानों की छतें और दीवारें गिर चुकी हैं, वहीं कई में दरवाजे-खिड़कियां टूट चुकी हैं और प्लास्टर पूरी तरह उखड़ गया है।
स्थानीय कर्मचारियों ने बताया कि वे लंबे समय से विभाग को इस गंभीर समस्या से अवगत कराते आ रहे हैं, लेकिन हर बार केवल कागजी सर्वे कर लिया जाता है और मरम्मत के नाम पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। इससे कर्मचारियों को हर दिन खतरे के साये में जीना पड़ रहा है।
इस संबंध में रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) नवल अग्रवाल ने कहा कि विभाग समय-समय पर आवासों की मरम्मत कराता है। ताजा घटना की जानकारी लेकर संबंधित अधिकारियों से बात की जाएगी।
रेलवे कॉलोनियों की बिगड़ती स्थिति ना केवल कर्मचारियों के लिए खतरे का कारण बन रही है, बल्कि विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रही है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।