सागर : शाहगढ़ थाना क्षेत्र में दो साल पहले पेट्रोल डालकर इंसान को जिंदा फूंकने वाले दरिंदे को अब पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे ही काटनी होगी। बंडा न्यायालय ने सोमवार को इस सनसनीखेज हत्याकांड में आरोपी शंकर सौर आदिवासी को उम्रकैद और 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश आशीष परसाई ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया कि ऐसी वारदातों को कोई जगह नहीं दी जाएगी।
सरकार की ओर से वरिष्ठ एडीपीओ ताहिर खान ने केस की दमदार पैरवी की। यह मामला शासन ने चिन्हित कर ‘जघन्य और सनसनीखेज’ श्रेणी में रखा था, इसलिए शुरुआत से ही पुलिस और प्रशासन की नजर इस पर थी।
क्या था पूरा मामला ?
23 मई 2022 की शाम करीब 4 बजे फरियादी मुकेश रैकवार का भाई दिनेश उर्फ दीपेन्द्र जमनेरा गांव की तरफ निकला था। रात करीब पौने आठ बजे मुकेश जब शाहगढ़ लौट रहा था तो बीएसएनएल दफ्तर के पास चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। वहां पहुंचा तो दिल दहल गया उसका भाई दिनेश आग की लपटों में घिरा पड़ा था। वहीं एक आदमी जंगल की तरफ भाग रहा था।
मरने से पहले दिनेश ने भाई को बताया कि शंकर आदिवासी ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। झुलसी हालत में उसे शाहगढ़ अस्पताल लाया गया फिर सागर रेफर किया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए गए और एफएसएल जांच करवाई गई। तमाम गवाह और सबूतों के दम पर कोर्ट में चालान पेश किया गया। सुनवाई के दौरान अपराध साबित हो गया और अदालत ने शंकर को उम्रकैद की सजा सुना दी। अब यह दरिंदा अपनी बाकी जिंदगी जेल की सलाखों में गुजारेगा।