सागर : बीना सीट की विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता पर संकट, हाईकोर्ट में पहुंचा मामला
सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से 2023 में कांग्रेस के टिकट पर जीतीं विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता पर अब सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उनकी सदस्यता रद्द कराने की मांग करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दाखिल की है।
याचिका में मप्र सरकार, विधानसभा के प्रमुख सचिव, विधानसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और विधायक निर्मला सप्रे को पक्षकार बनाया गया है। अदालत जल्द ही इस मामले की सुनवाई की तारीख तय करेगी।
इंदौर खंडपीठ से जबलपुर हाईकोर्ट तक
इससे पहले उमंग सिंघार ने इसी मुद्दे पर इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि विधायक रहते हुए निर्मला सप्रे ने बीजेपी जॉइन कर ली है, इसलिए उनकी सदस्यता रद्द की जाए। हालांकि, पिछले हफ्ते खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का विषय है और इसे जबलपुर हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
भाजपा में शामिल होने का कारण बताया था विकास
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्मला सप्रे ने सागर जिले के राहतगढ़ में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उस मौके पर उन्होंने भाजपा का दुपट्टा पहनकर पार्टी जॉइन करने की घोषणा की थी।
मीडिया से बातचीत में सप्रे ने कहा था कि….प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में विकास का स्पष्ट एजेंडा है। बीते छह महीनों में मैंने महसूस किया कि मेरे क्षेत्र का विकास रुक गया है। कांग्रेस में रहते हुए विकास संभव नहीं था, क्योंकि न तो उनकी सरकार है और न ही कोई ठोस योजना। अपने क्षेत्र को विकास की धारा से जोड़ने के लिए मैंने भाजपा का दामन थामा है।