सागर। बीना में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान बीना में उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब मछुआरा महासंघ और गोताखोरों के बीच जिम्मेदारी को लेकर कहासुनी हो गई।
दरअसल, इस बार नगर पालिका प्रशासन ने विसर्जन की पूरी जिम्मेदारी अनुबंध के तहत मछुआरा महासंघ को सौंपी थी। शनिवार दोपहर महासंघ के सदस्य पुलिस वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद विसर्जन स्थल पर पहुंचे। लेकिन यहां पहले से मौजूद गोताखोरों ने इसका विरोध करते हुए आपत्ति जताई। उनका कहना था कि वे पिछले कई वर्षों से विसर्जन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और अचानक उनसे यह अधिकार छीना जाना उचित नहीं है।
स्थिति बिगड़ने पर महासंघ की सदस्य निर्मला रैकवार के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल नगर पालिका पहुंचा और धरना दिया। इस पर नपाध्यक्ष लता सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि भुगतान केवल उसी संगठन को किया जाएगा जिसे अनुबंध दिया गया है। उनके बयान के बाद महासंघ के लोग वापस विसर्जन स्थल लौटे और वहां भी धरने पर बैठ गए।
विवाद बढ़ता देख कुछ सदस्य प्रतिमा विसर्जन के लिए खड़ी हाइड्रा मशीन पर चढ़ गए। रामशंकर खटीक समेत अन्य लोगों ने उन्हें नीचे उतारने की कोशिश की, इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प भी हो गई। आखिरकार धक्का-मुक्की के बीच महासंघ के सदस्यों को वहां से हटाया गया।
पूरे घटनाक्रम के दौरान न तो पुलिस और न ही नगर पालिका का कोई कर्मचारी विवाद शांत कराने सामने आया। इस वजह से विसर्जन कार्य कुछ देर के लिए बाधित रहा। मौके पर महासंघ के जय राम, तरुण, हेमराज सहित कई सदस्य मौजूद थे।
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