सागर। सागर जिले के ग्राम सीपुरखास में स्थित हनुमान मंदिर में अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। मंदिर परिसर में हुई इस घटना से ग्रामीणों की धार्मिक भावनाओं को गहरा ठेस पहुंची है। गुस्साए ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से विरोध दर्ज कराते हुए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मंदिर में तोड़फोड़ से भड़का आक्रोश
गांव के लोगों ने बताया कि बीती रात कुछ असामाजिक लोग नशे की हालत में मंदिर परिसर में घुस आए और मूर्तियों, दीवारों तथा धार्मिक सामग्री को नुकसान पहुंचाया। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी हनुमान मंदिर में चोरी और दानपेटी तोड़ने जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन उनका अब तक खुलासा नहीं हो पाया।
ग्रामीणों ने अधिकारियों से कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल आस्था पर हमला हैं बल्कि पूरे गांव की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश भी हैं।
गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से अनुविभागीय अधिकारी और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लिखा गया कि मंदिर परिसर में लगातार असामाजिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। यहां आए दिन शराबखोरी, जुआ और अन्य अवैध काम खुलेआम हो रहे हैं। जब कोई ग्रामीण उन्हें रोकने की कोशिश करता है तो ये लोग लड़ाई-झगड़े और हिंसा पर उतारू हो जाते हैं।
ग्रामीणों ने मांग की है कि पुलिस तुरंत दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करे और सख्त सजा दिलाए। साथ ही हनुमान मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में स्थायी पुलिस गश्त और निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
अवैध शराब पर भी विरोध
मंदिर की घटना के अलावा ग्रामीणों ने गांव में बिक रही अवैध शराब के खिलाफ भी पुलिस को अलग ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि गांव में कई लोग कच्ची और पक्की शराब बनाकर बेच रहे हैं। वहीं, कलारी से भी शराब की सप्लाई हो रही है। इसके कारण गांव के युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं और आए दिन उपद्रव की घटनाएं बढ़ रही हैं।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि शराब के कारण असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ रहा है और माहौल बिगड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि सीपुरखास में शराब की बिक्री और निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और इस कारोबार में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
1. मंदिर तोड़फोड़ करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
2. हनुमान मंदिर परिसर और आसपास स्थायी पुलिस गश्त लगाई जाए।
3. गांव में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाई जाए।
4. जुआ और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए तो गांव में तनाव और अशांति का माहौल और अधिक बढ़ सकता है।
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