मालथौन (सागर)। सागर जिले के मालथौन कस्बे में शुक्रवार को हालात तनावपूर्ण हो गए जब एक युवक की आत्महत्या के विरोध में हजारों लोगों ने नेशनल हाईवे 44 पर चक्काजाम कर दिया। प्रदर्शनकारी करीब छह घंटे तक सड़क पर डटे रहे, जिसके चलते झांसी- सागर मार्ग पर दोनों ओर 20–20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
आत्महत्या ने भड़काया आक्रोश
यह मामला गुरुवार को सामने आया था, जब 28 वर्षीय मोहित पटवा, निवासी मालथौन, ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने अपने मोबाइल पर दो वीडियो रिकॉर्ड किए और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए। इन वीडियो में उसने तीन लोगों—अनीश खान, सानिया खान और रश्मि पटवा—पर ब्लैकमेलिंग, प्रताड़ना और लव जिहाद का आरोप लगाया। मोहित ने स्पष्ट कहा कि लगातार मानसिक दबाव और धमकियों की वजह से ही उसने अपनी जान देने का फैसला लिया।
इलाके में फैला तनाव
घटना की जानकारी फैलते ही मालथौन और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग शुक्रवार सुबह कस्बे में इकट्ठा हो गए। हिंदू संगठनों की अगुवाई में भीड़ ने पहले मालथौन बंद कराया और फिर हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शन और नारेबाजी के बीच कुछ आक्रोशित युवकों ने आरोपी सानिया खान के भाई की पान की दुकान को नुकसान भी पहुंचाया। हालांकि पुलिस ने हालात बिगड़ने से पहले ही भीड़ को नियंत्रण में ले लिया।
भारी पुलिस बल की तैनाती
जाम की सूचना मिलते ही आसपास के थानों से पुलिस बल मौके पर बुलाया गया। एसडीएम मनोज चौरसिया और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वयं घटनास्थल पहुंचे और लोगों को शांत कराने की कोशिशें शुरू कीं। लगभग छह घंटे तक चले गतिरोध के बाद प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस आश्वासन के बाद मृतक के परिवार और संगठनों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की और यातायात शाम तक बहाल हो सका।
परिजनों की मांग और पुलिस की कार्रवाई
मोहित की पत्नी और परिजन शुरू से आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और उनके मकानों पर कार्रवाई की मांग करते रहे। दबाव बढ़ने पर पुलिस ने तीनों नामजद आरोपियों—अनीश खान, सानिया खान और रश्मि पटवा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।एसडीएम मनोज चौरसिया ने बताया, “मोहित पटवा ने आत्महत्या करने से पहले गंभीर आरोप लगाए थे। उसने जिन लोगों के नाम बताए, उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि लगातार गालियां और धमकियां मिलने से वह मानसिक दबाव में आ गया था, जिसके कारण यह कदम उठाया।
इस पूरी घटना से मृतक के परिजन गहरे सदमे में हैं। आंदोलन के दौरान मोहित की पत्नी और भाई बेसुध होकर रोते-बिलखते दिखे। गांव और कस्बे के लोग इसे एक बड़ी सामाजिक त्रासदी मान रहे हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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