सागर। शनिवार को बीना के वीर सावरकर वार्ड की रहने वाली 37 वर्षीय महिला बबली वाल्मीकि का व्यवहार सभी को हैरान कर गया। अस्पताल पहुंचने के कुछ ही मिनटों बाद उनका प्रीमैच्योर डिलीवरी हुआ। जन्म के समय शिशु मृत पाया गया, लेकिन महिला की अगली हरकत ने चिकित्सकों और स्टाफ को सकते में डाल दिया।
अस्पताल में अचानक डिलीवरी
जानकारी के अनुसार, महिला को शनिवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई और वह तुरंत अस्पताल पहुंचीं। अस्पताल के रिकॉर्ड बताते हैं कि उन्हें करीब छह माह का गर्भ था। भर्ती होने के 10 से 15 मिनट के भीतर ही प्रसव हो गया और नवजात मृत अवस्था में पैदा हुआ। डॉक्टरों ने इसे इंट्रायूटरिन डेथ का मामला बताया, यानी शिशु की गर्भ में ही मृत्यु हो चुकी थी।
बच्चे को छोड़कर निकल गई महिला
डिलीवरी के थोड़ी देर बाद ही बबली एक परिचित की मोटरसाइकिल पर बैठकर अस्पताल से बाहर चली गईं। हैरानी की बात यह रही कि वह मृत नवजात को अस्पताल में ही छोड़ गईं और किसी को कुछ बताए बिना वहां से रवाना हो गईं।
अस्पताल प्रबंधन ने दी सूचना
महिला के अचानक चले जाने और मृत शिशु के वहीं छूट जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को खबर दी। हालांकि शाम 6 बजे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची, जिससे स्टाफ में नाराजगी देखी गई।
डॉक्टर और पुलिस की प्रतिक्रिया
बीएमओ डॉ. संजीव अग्रवाल ने बताया कि यह पूरी तरह से इंट्रायूटरिन डेथ का मामला है। ऐसे मामलों में शिशु की मौत गर्भ में ही हो जाती है और जन्म के समय वह जीवित नहीं रहता।
वहीं, टीआई अनूप यादव ने कहा कि पुलिस ने इस घटना को लेकर मर्ग कायम कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। महिला के अस्पताल छोड़कर अचानक चले जाने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। जांच के बाद ही असल वजह सामने आएगी।
इलाके में चर्चा का विषय
इस घटना के बाद बीना शहर में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं ! लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर महिला ने अस्पताल छोड़ने का इतना अचानक फैसला क्यों लिया! वहीं, मृत शिशु को अस्पताल में छोड़ जाना भी लोगों के लिए सोचने का विषय बन गया है!
हमारे बारे में
योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है।
पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है।
योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है।
उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।