MP News : भोपाल/नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के परिवार न्यायालय में इन दिनों एक बेहद अलग और दिलचस्प मामला चर्चा में है। आईटी सेक्टर में काम करने वाले एक इंजीनियर दंपती ने शादी के केवल आठ महीने बाद तलाक के लिए आवेदन कर दिया है। वजह न तो आर्थिक तनाव है और न ही पारिवारिक दबाव, बल्कि मामला पालतू जानवरों से जुड़ा है। पति के पास कुत्ते, मछली और खरगोश हैं, जबकि पत्नी अपनी प्रिय बिल्ली के साथ मायके से आई थी। इन्हीं पालतू जानवरों के कारण दोनों के रिश्ते में खटास बढ़ती चली गई।
पालतू जानवरों के आंदोलन में हुई थी मुलाकात
युवक मूल रूप से भोपाल का रहने वाला है, जबकि युवती उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखती है। दोनों की मुलाकात एक ऐसे अभियान में हुई थी जो आवारा और घायल पालतू जानवरों को बचाने के लिए चलाया गया था। इसी दौरान दोस्ती हुई और धीरे-धीरे रिश्ता प्रेम में बदल गया। दिसंबर 2024 में दोनों ने शादी कर ली। शुरुआत में दोनों अपने-अपने पालतू जानवरों की देखभाल मिलकर करते थे और सब कुछ ठीक लग रहा था।
म्याऊं और भौंक-भौंक बनी विवाद की जड़
हालांकि शादी के कुछ ही महीनों बाद स्थिति बदल गई। पति का कहना है कि पत्नी की बिल्ली दिनभर म्याऊं करती रहती है, मछलियों को शिकार बनाने की कोशिश करती है और अक्सर उसके पालतू जानवरों का खाना भी खा जाती है। वहीं पत्नी का आरोप है कि पति के कुत्ते लगातार उसकी बिल्ली पर भौंकते हैं, जिससे वह डर जाती है। पत्नी का कहना है कि वह बिल्ली को अपनी बच्ची की तरह मानती है और उसके बिना नहीं रह सकती।
काउंसलिंग में भी नहीं बनी सहमति
दंपती के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि अब दोनों एक-दूसरे से अलग होना चाहते हैं। मामले को परिवार न्यायालय के परामर्श केंद्र भेजा गया, जहां दोनों की काउंसलिंग कराई गई। काउंसलिंग में पति ने साफ कहा कि वह बिल्ली के साथ नहीं रह सकता, जबकि पत्नी ने दोहराया कि वह अपनी बिल्ली को छोड़ने की कल्पना भी नहीं कर सकती। दोनों के माता-पिता भी चाहते हैं कि वे रिश्ते को बचाएं, लेकिन अब स्थिति यह है कि पति-पत्नी एक-दूसरे का चेहरा तक नहीं देखना चाहते।
दशहरा के बाद होगी अगली सुनवाई
काउंसलर शैल अवस्थी ने बताया कि दोनों की शादी को अभी केवल आठ महीने हुए हैं, लेकिन पालतू जानवरों को लेकर मनमुटाव इस हद तक बढ़ गया है कि मामला तलाक तक पहुंच गया। परामर्श केंद्र लगातार यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि व्यक्तिगत जिद छोड़कर उन्हें पारिवारिक हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए। दंपती की अगली काउंसलिंग दशहरा के बाद तय की गई है।








