सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले के जैसीनगर थाना क्षेत्र में एक बेटे द्वारा अपने पिता की हत्या के मामले में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। ग्राम गेहूंरास बुजुर्ग में इस वर्ष अप्रैल में हुई हत्या के आरोपी रामबाबू यादव को कोर्ट ने दस वर्ष के सश्रम कारावास और पाँच हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है। यह निर्णय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमके शर्मा की अदालत में आया, जिसमें आरोपी की मां और नौ वर्षीय पुत्र की गवाही निर्णायक बनी।
कैसे हुआ वारदात का खुलासा
घटना 23 अप्रैल 2025 की रात की है, जब रामबाबू यादव अपने घर लौटकर अपने नाती ऋषिराज से खाने के साथ आम मांगने लगा। आम न मिलने पर गुस्से में आकर उसने नौ वर्षीय ऋषिराज को पीटना शुरू कर दिया। इस मारपीट को रोकने के लिए उसके पिता हरिनारायण यादव बीच में आए तो रामबाबू और अधिक भड़क गया। विवाद बढ़ गया और रामबाबू ने नाराज़ होकर लकड़ी की पाटी से अपने पिता के सिर पर वार कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण हरिनारायण यादव ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
त्वरित पुलिस कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही जैसीनगर पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुँची और पंचनामा बनाते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आरोपी रामबाबू यादव को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच के बाद पुलिस ने चालान तैयार किया और अदालत में पेश किया। इस दौरान न सिर्फ आरोपी की मां, बल्कि उसके नौ साल के बेटे की भी गवाही अदालत में प्रस्तुत की गई, जिसे न्यायाधीश ने बेहद अहम मानते हुए फैसला लिया
पारिवारिक विवाद और नशे की समस्या
सूत्रों के अनुसार, आरोपी रामबाबू यादव का घर में व्यवहार पहले से ही ठीक नहीं था। वह गांजे का नशा करता था और इसी कारण उसकी पत्नी करीब एक साल पहले मायके चली गई थी। कई मौकों पर उसका अपने परिवार के सदस्यों से झगड़ा होता रहता था। घटना के समय आम के मामूली विवाद ने गंभीर रूप ले लिया और परिवार में बड़ा हादसा हो गया।
कोर्ट में सुनवाई और फैसला
मामले की सुनवाई प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमके शर्मा की कोर्ट में हुई। गवाहों की मजबूत गवाही और सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और उसे 10 साल का सश्रम कारावास साथ ही 5 हजार रुपये का अर्थदंड देने का फैसला सुनाया। यह फैसला मात्र तीन महीने के भीतर सुनाया गया, जिससे पीड़ित परिवार ने आंशिक राहत की सांस ली
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