सागर। कलेक्टर कार्यालय परिसर में मंगलवार को चल रही जनसुनवाई के दौरान अचानक हुए घटनाक्रम ने सभी को चौंका दिया। लोक निर्माण विभाग (PWD) के कर्मचारी राकेश उर्फ राजेश जैन की तबीयत अचानक बिगड़ने पर पूरे कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
दोपहर करीब साढ़े बारह बजे जब जनसुनवाई चल रही थी, तभी पीडब्ल्यूडी के टाइम कीपर राजेश जैन अचानक जोर-जोर से चिल्लाने लगे और सीने में तेज दर्द की शिकायत करने लगे। उनकी चीख सुनते ही पास बैठे अधिकारी और वहां मौजूद आमजन घबरा गए। कुछ ही पलों में कलेक्टर कार्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
मौके पर डॉक्टरों ने दी तत्काल सहायता
घटना के समय कलेक्ट्रेट में मौजूद डॉक्टर शिवानी और फार्मासिस्ट मोनिका अवस्थी तत्काल मौके पर पहुंचीं। उन्होंने बिना समय गंवाए प्राथमिक उपचार शुरू किया और जैन को संभालने की कोशिश की। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ विवेक केवी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
स्थिति गंभीर देखते हुए तुरंत एम्बुलेंस को सूचना दी गई। कुछ ही देर में एम्बुलेंस कलेक्ट्रेट पहुंची और राजेश जैन को जिला अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल में भर्ती, डॉक्टरों ने दी जानकारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि राजेश जैन को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ था। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में उनकी स्थिति नियंत्रण में बताई गई है।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, राजेश जैन की पूर्व में बायपास सर्जरी हो चुकी है। गर्मी और भीड़भाड़ के बीच लंबे समय तक बैठे रहने के कारण उन्हें घबराहट और बेचैनी महसूस हुई, जिससे अचानक सीने में दर्द शुरू हो गया। डॉक्टरों की तत्परता और समय पर उपचार मिलने से उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जनसुनवाई कुछ देर के लिए बाधित
हर मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन होता है, जिसमें जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं और नागरिक अपनी समस्याएं रखते हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में आवेदक कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे।
इसी दौरान हुई इस घटना से कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित हो गई थी। हालांकि, स्थिति सामान्य होने के बाद जनसुनवाई की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई।
अफसर-कर्मचारियों की संवेदनशीलता दिखी
घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि कलेक्ट्रेट जैसे भीड़भाड़ वाले संवेदनशील स्थान पर डॉक्टर और चिकित्सा टीम की मौजूदगी कितनी आवश्यक है। मौके पर मौजूद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने तुरंत जिम्मेदारी निभाई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। वहीं, जिला प्रशासन ने भी तत्परता दिखाते हुए एम्बुलेंस की तत्काल व्यवस्था कराई।