सागर। शहर में बुधवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब छात्रों से भरी एक स्कूल बस ब्रेक फेल होने के कारण बेकाबू हो गई और सीधी कोतवाली थाने की सीढ़ियों से जा टकराई। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन बस में बैठी एक छात्रा और एक शिक्षिका को मामूली चोटें आईं। वहीं, हादसे की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर संदीप जी.आर. ने तत्काल प्रभाव से बस का फिटनेस प्रमाण पत्र रद्द करने के निर्देश दिए।
कैसे हुआ हादसा
घटना बुधवार सुबह कॉलेज टाइम के दौरान हुई। ज्ञानसागर कॉलेज की बस (क्रमांक MP15 PA 0485) छात्रों को लेकर तीनबत्ती तिराहे से बड़े बाजार की ओर आ रही थी। तभी अचानक बस के ब्रेक फेल हो गए और वह अनियंत्रित होकर सीधी कोतवाली थाने की सीढ़ियों से जा टकराई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक झटके में बस की दिशा बदल गई और उसमें सवार छात्र-छात्राओं में अफरा-तफरी मच गई।
बस में करीब 25 छात्र-छात्राएं और कुछ शिक्षक सवार थे। हादसे के बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकाला। घायल छात्रा और शिक्षिका को तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत स्थिर बताई गई है।
घटना स्थल के पास ही बिजली का ट्रांसफार्मर लगा हुआ था। यदि बस थोड़ी भी दिशा बदलती, तो ट्रांसफारमर से टकराकर बड़ा हादसा हो सकता था।
ड्राइवर से पूछताछ, तकनीकी खामी की जांच
हादसे के तुरंत बाद पुलिस ने बस को सड़क से हटाकर थाने में खड़ा कराया और ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल होना हादसे की वजह मानी जा रही है, लेकिन पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं इसमें लापरवाही या मेंटेनेंस की कमी तो जिम्मेदार नहीं है।
कलेक्टर ने दिखाई सख्ती, बस का फिटनेस प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से रद्द
हादसे की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर संदीप जी. आर. ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उक्त बस का फिटनेस सर्टिफिकेट रद्द करने के निर्देश दिए। बस दिल्ली पब्लिक स्कूल, नरसिंहपुर रोड मकरोनिया के नाम पर रजिस्टर्ड है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देशों का पालन करते हुए तुरंत बस का फिटनेस सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया।
परिवहन विभाग के अनुसार, बिना मरम्मत और तकनीकी जांच के बस का दोबारा संचालन संभव नहीं है। मोटरयान अधिनियम 1988 के तहत, यह सख्त उल्लंघन माना जाता है। अब जब तक बस का दोबारा परीक्षण कर उसे फिट घोषित नहीं किया जाएगा, तब तक उसका रजिस्ट्रेशन और किसी भी प्रकार का परमिट निलंबित रहेगा।
इस कार्रवाई को प्रशासन की ओर से स्कूल बसों की सुरक्षा को लेकर भेजा गया एक सख्त संदेश माना जा रहा है। इससे साफ संकेत मिला है कि अब लापरवाह और तकनीकी रूप से असुरक्षित वाहनों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो किसी भी संस्था के क्यों न हों।
एक ओर जहां बस के ब्रेक फेल होने से कई मासूमों की जान खतरे में आ सकती थी, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की तत्परता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की। यह घटना न सिर्फ सिस्टम की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सतर्क प्रशासनिक कदम समय रहते उठाए जाएं तो भविष्य की बड़ी घटनाओं को रोका जा सकता है।