सागर : केंद्रीय जेल के बंदी की अचानक तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में मौत
सागर। सागर केंद्रीय जेल में सजा काट रहे दंडित बंदी नाथूराम पिता मुल्ला सिलावट (आयु लगभग 72 वर्ष, निवासी चंदोरिया, थाना बेगमगंज, जिला रायसेन) की उपचार के दौरान मौत हो गई। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (BMC) सागर में भर्ती कराए जाने के बाद डॉक्टरों ने देर रात उन्हें मृत घोषित कर दिया। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नाथूराम को वर्ष 2018 में जिला रायसेन के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, बेगमगंज द्वारा धारा 302/34, 323/34, 450, 456 भादवि के तहत आजीवन कारावास सहित अन्य सजाएं सुनाई गई थीं। उन्हें जुर्माने के साथ अलग-अलग धाराओं में छह माह, पांच वर्ष और एक वर्ष की सजा भी दी गई थी। 28 अक्टूबर 2018 को सब-जेल बेगमगंज से नाथूराम को सजा भुगतने के लिए सागर केंद्रीय जेल भेजा गया था, जहां वह लगातार कैद काट रहा था।
अचानक बिगड़ी तबीयत
जेल सूत्रों के मुताबिक, 12 सितंबर 2025 की रात करीब 11:30 बजे नाथूराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसने उल्टी की शिकायत की। ड्यूटी पर मौजूद प्रहरी महेन्द्र पांडे ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी। चिकित्सा सहायक दिनेश सिंह ठाकुर मौके पर पहुंचे और बंदी की जांच की। इसके बाद बंदी को तुरंत बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्णय लिया गया।
करीब 11:52 बजे नाथूराम को जेल गार्ड की निगरानी में एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया, लेकिन तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी थी। 13 सितंबर की रात लगभग 12:13 बजे डॉक्टरों ने बंदी को मृत घोषित कर दिया।
मर्ग कायम कर जांच शुरू
घटना की जानकारी पर सागर केंद्रीय जेल अधीक्षक ने औपचारिक पत्र जारी कर थाना गोपालगंज पुलिस को अवगत कराया। इसके आधार पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।
जेल प्रशासन ने दी जानकारी
केंद्रीय जेल प्रशासन ने पुष्टि की है कि मृतक नाथूराम लंबे समय से सजा काट रहा था और घटना की सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है।