सागर। मालथौन में चारो तरफ गोवंशीय पशुओं का जमावड़ा लगा हुआ हैं, नगर की मुख्य सड़के, बाजार, गौशालायें बनकर रह गई हैं। बेचारे मूक पशु मारे मारे फिर रहे हैं उन्हें कोई आसरा नहीं मिल रहा हैं। ग्रामीण क्षेत्र से छोड़े गये पशुओं के कारण नगर में बाढ़ आ गई है। जिसकी व्यवस्था करने में प्रशासन फेल साबित हो गया हैं। नगर से निकली फेरलेन सड़क अंडर पास ब्रिज के नीचे से रोजाना हजारो की संख्या में वाहनों का निकलना होता है, ब्रिज के नीचे से निकलने में वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं जहां पर बेसहारा पशुओं का झुंड लगा रहता हैं जिसकी वहां कोई सुध नहीं लेता है उक्त जगह से रोजाना स्कूलों के हजारों छात्र छात्राओं, अधिकारियों का निकलना होता फिर भी गौर नहीं कर रहे हैं। जहां मवेशियों के कारण हादसों का अंदेशा बना रहता हैं। मूक पशुओं के शिकार हो रहे हैं। नगर के मुख्य बाजार परिसर में सैकड़ो संख्या में मवेशियों के झुंड जमा होने कारण रहवासियों को परेशानी का सबब बना हुआ है, जिससे निकलना भी दूभर हैं।
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पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है।
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