हाथों में नष्ट हुई फसल, आंखों में आंसू किसान पहुंचा कलेक्टर दरबार, बोला – साहब अब परिवार का पेट कैसे पालूं ?
सागर। जिले में लगातार हो रही बारिश और अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर कार्यालय एक मार्मिक दृश्य का गवाह बना, जब सुआतला गांव के किसान हेमराज पटेल हाथों में नष्ट हुई सोयाबीन की फसल लेकर अधिकारियों के सामने पहुंचे। आंखों में आंसू और टूटे दिल के साथ हेमराज बार-बार यही सवाल दोहराते रहे – “साहब, अब अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करूं?”
खेत से सीधे लेकर आए बर्बाद फसल
किसान हेमराज पटेल के पास कुल दो एकड़ जमीन है। इसमें से पौने दो एकड़ में उन्होंने इस साल सोयाबीन बोई थी। लेकिन लगातार हुई बारिश और अतिवृष्टि ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। हेमराज ने खेत से बर्बाद फसल के कुछ पौधे तोड़े और उन्हें हाथ में लेकर सीधे कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों को फसल दिखाते हुए वे फूट-फूटकर रोने लगे।
अधिकारियों से लगाई गुहार
हेमराज ने अधिकारियों से कहा – “साहब, मेरे पास बस यही जमीन है। उसी से घर चलता है। लेकिन इस बार की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। अब परिवार के भरण-पोषण का कोई रास्ता नहीं बचा। सरकार से गुजारिश है कि हमें जल्द से जल्द मुआवजा दिलाया जाए, ताकि बच्चों का पेट भर सके और कर्ज चुका सकूं।”
किसानों में बढ़ी चिंता
जिले में इस साल भारी बारिश के कारण सैकड़ों किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं। खेतों में खड़ी सोयाबीन गलकर बर्बाद हो रही है। किसान मुआवजे की उम्मीद में अब प्रशासन के दरवाजे खटखटाने मजबूर हैं।
भावुक माहौल बना कलेक्टर कार्यालय में
जनसुनवाई के दौरान हेमराज का यह दर्द देखकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए। अधिकारियों ने किसान की बात सुनी और खेतों में हुए नुकसान की जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। लेकिन सवाल यह है कि कब तक किसान अपने हक और मुआवजे के लिए इस तरह रोता-बिलखता दर-दर भटकता रहेगा।
एक ओर जनसुनवाई में कर्मचारी प्रताड़ना और भ्रष्टाचार के मुद्दे गूंजते रहे, तो वहीं दूसरी ओर एक किसान अपनी नष्ट फसल हाथ में लिए अधिकारियों के सामने रो पड़ा। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय आम जनता के दुख-दर्द का आईना बन गया।