सागर। भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति के अनगिनत रूप देशभर में देखने को मिलते हैं, लेकिन सागर में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां आज भी श्रद्धालु कन्हैया को चिट्ठी लिखकर अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।
यह अद्भुत मंदिर सागर की ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील के किनारे गणेश घाट पर स्थित है। करीब 350 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण मराठा शासनकाल में सन 1655 ईस्वी के आसपास कराया गया था। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह एक कुएं के ऊपर बना हुआ है और भगवान श्रीकृष्ण के चरणों को अप्रत्यक्ष रूप से कुएं का जल स्पर्श करता है।
मंदिर के व्यवस्थापक गोविंद दत्तात्रेय आठले बताते हैं कि यहाँ चिट्ठी लिखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। भक्तजन अपनी इच्छाएँ और समस्याएँ कागज़ पर लिखकर श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित करते हैं। इसे गोपियों की भक्ति का प्रतीक माना जाता है और श्रद्धालु विश्वास करते हैं कि उनकी प्रार्थना सीधे कन्हैया तक पहुँचती है।
इसी गणेश घाट पर एक और अति प्राचीन गणेश जी का मंदिर भी स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में बनवाया गया था।
सदियों पुरानी इस अनूठी परंपरा और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह स्थान न केवल सागर बल्कि पूरे बुंदेलखंड और प्रदेशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है।