मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिव्यांगजनों को नियुक्ति और हितलाभ वितरण कार्यक्रम में जताई प्रतिबद्धता – “हर स्तर पर मिलेगा सहयोग”
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी संघर्षशीलता, योग्यता और आत्मविश्वास से समाज में विशिष्ट स्थान बनाते हैं। पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र और हितलाभ वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों को हर स्तर पर सहयोग और प्रोत्साहन देने के लिए कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “दिव्यांगता कोई बाधा नहीं, बल्कि एक विशेष क्षमता है। परमात्मा अगर एक गुण कम करता है तो कई गुण अधिक देकर भेजता है। दिव्यांगजन समाज के सक्रिय और प्रतिभाशाली अंग हैं।” उन्होंने बताया कि सरकार ने सीधी भर्ती में दिव्यांगजनों के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण का प्रावधान किया है।
कार्यक्रम में डॉ. यादव ने दिव्यांगजनों को नियुक्ति पत्र, स्मार्टफोन और मोटराइज्ड साइकिल प्रदान की। उन्होंने दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की ब्रेल लिपि में पुस्तिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा, भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय और विधायक श्री भगवान दास सबनानी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने दिए प्रेरणास्रोत व्यक्तित्वों के उदाहरण
मुख्यमंत्री ने महाकवि सूरदास, अष्टावक्र, स्वामी रामभद्राचार्य और संगीतकार रविंद्र जैन का उल्लेख करते हुए कहा कि शारीरिक सीमाएं सफलता की राह में बाधा नहीं बनतीं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन विशेषज्ञता और समर्पण से समाज और राष्ट्र को दिशा देने में समर्थ हैं।
2600 पदों पर की गई दिव्यांगजन की भर्ती
सामाजिक न्याय मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा ने बताया कि राज्य में अब तक 2600 पदों पर दिव्यांगजनों की भर्ती की जा चुकी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नौकरियों में 6 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जो राष्ट्रीय मानक से अधिक है। कृत्रिम अंगों के वितरण के लिए जिले स्तर पर शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें महावीर संस्था का सहयोग लिया जा रहा है।
सम्मान से जीने का अधिकार – सरकार का संकल्प
लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव का लक्ष्य है कि समाज का हर व्यक्ति सम्मानजनक जीवन जी सके। उन्होंने कहा कि जब सरकार संवेदनशील होती है तो वह अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन करती है।
महत्वपूर्ण तथ्य
48 दिव्यांगजनों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।
97 हितग्राहियों को सहायक उपकरण प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में दिव्यांग विद्यार्थियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
तुलसी का पौधा भेंट कर मुख्यमंत्री और अतिथियों का अभिनंदन किया गया।
यह कार्यक्रम दिव्यांगजनों के लिए केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम है। सरकार का यह प्रयास समाज में समरसता और समावेशी विकास की मिसाल बन रहा है।