सागर/मालथौन। बांदरी थाना क्षेत्र में मारपीट की घटना के बाद युवक की मौत से गांव और परिजनों में भारी आक्रोश फैल गया। गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे 44 पर शव रखकर जाम लगा दिया, जिससे फोरलेन के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात करीब बीस किलोमीटर तक प्रभावित रहा। घटना की गंभीरता को देखते हुए आसपास के थानों से भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया।
जानकारी के मुताबिक, रजवांस गांव के निवासी दामोदर सेन पर बीते दिन कुछ दबंगों ने बेरहमी से हमला किया था। गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शव गांव लाए जाने के बाद परिजन इंसाफ की मांग को लेकर हाईवे पर पहुंच गए और चक्काजाम कर दिया। उनका आरोप था कि मारपीट की शिकायत के बावजूद पुलिस ने तुरंत केस दर्ज नहीं किया और पीड़ित को इधर-उधर भटकाया, जिससे लापरवाही के चलते यह मौत हुई।
मौके पर खुरई विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह भी पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और न्याय का भरोसा दिलाया, लेकिन आक्रोशित परिजन तब तक नहीं माने जब तक उनकी कुछ प्रमुख मांगें पूरी नहीं हुईं। मृतक के छोटे-छोटे बच्चों का जिक्र करते हुए परिजन और ग्रामीण सवाल कर रहे थे कि अब उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी कौन उठाएगा। एक महिला ने आक्रोश में अधिकारियों से कहा, “अगर न्याय नहीं दे सकते तो इन बच्चों को मार डालो।” इस पर अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि हर संभव सरकारी मदद और न्याय दिलाया जाएगा।
लगभग चार घंटे तक चले इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी होती रही। कुछ लोगों ने एसपी और कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग भी रखी। अंततः एसडीएम मनोज चौरसिया के आश्वासन और पांच हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि देने के बाद परिजन चक्काजाम हटाने के लिए तैयार हुए। इसके बाद यातायात बहाल हो सका। मौके पर एसडीओपी, एसडीएम और आसपास के कई थानों का पुलिस बल मौजूद रहा।








