सागर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सागर केंद्रीय जेल में एक विशेष पहल के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहे 14 बंदियों को रिहा किया गया। इनमें 13 पुरुष और एक महिला बंदी शामिल हैं, जो अलग-अलग आपराधिक मामलों में दोषी पाए गए थे। इन सभी को उनके जेल में अच्छे आचरण और अनुशासन के आधार पर सजा में छूट दी गई।
रिहाई का कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद आयोजित किया गया। सुबह 9 बजे ध्वजारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पश्चात लगभग 10:30 बजे सभी बंदियों को औपचारिक रूप से जेल से बाहर भेजा गया।
जेल अधीक्षक मानेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि इन बंदियों को जेल में रहते हुए पुनर्वास और आत्मनिर्भरता के लिए कई तरह के कौशल प्रशिक्षण दिए गए। इसमें टेलरिंग, बढ़ईगिरी, लोहारी, भवन निर्माण, मिस्त्री कार्य और निर्माण सामग्री निर्माण जैसे व्यावसायिक कौशल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण रिहा हुए बंदियों को जेल से बाहर एक नई शुरुआत करने, आजीविका कमाने और समाज की मुख्यधारा में पुनः शामिल होने में मदद करेगा।
अधीक्षक परिहार ने बताया कि रिहा होने से पहले सभी बंदियों से यह वचन लिया गया है कि वे दोबारा अपराध की राह नहीं अपनाएंगे, अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाएंगे और सम्मानजनक जीवन व्यतीत करेंगे।
गौरतलब है कि यह रिहाई राज्य शासन की विशेष माफी नीति के तहत की गई, जो 27 मई 2025 से लागू है। इस नीति में स्पष्ट प्रावधान है कि दुष्कर्म, पोक्सो एक्ट और अन्य गंभीर अपराधों में सजा काट रहे दोषियों को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी।
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