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सागर के बीना में कचरे पर बवाल : महिलाओं ने गाड़ियां रोकीं, पुलिस से भिड़े ग्रामीण….

सागर : बीना शहर और ...

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सागर : बीना शहर और आसपास के इलाकों में कचरा प्रबंधन की समस्या अब टकराव का रूप ले चुकी है। बुधवार को ऐसा ही नजारा उस वक्त देखने को मिला जब पुलिस और प्रशासन कचरा गाड़ियों को डिस्पोजल स्टेशन की ओर ले जा रहे थे। रास्ते में महिलाओं ने गाड़ियों का काफिला रोक लिया और हंगामा खड़ा कर दिया। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया।

घटना के दौरान एसडीएम विजय डेहरिया और पुलिस बल मौजूद थे। इसी बीच ग्रामीण सुरेंद्र ठाकुर और टीआई अनूप यादव आमने-सामने आ गए। बहस इतनी बढ़ गई कि टीआई ने सुरेंद्र को पुलिस वाहन में बैठाने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही महिलाओं को यह बात पता चली, वे बीच में आ गईं और जोरदार विरोध जताया। गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर धक्का-मुक्की और मारपीट के आरोप भी लगाए।

हालांकि, टीआई अनूप यादव ने इन आरोपों से साफ इंकार कर दिया। उनका कहना है कि वे केवल अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। स्थिति को काबू में लाने के लिए एसडीएम विजय डेहरिया और सीएमओ विनय मिश्रा ने काफी समझाइश दी, लेकिन ग्रामीण किसी भी तरह पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस टकराव के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया।

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले छह महीनों से कचरा उठाने का काम पूरी तरह ठप है। गंदगी सड़कों और गलियों में सड़ रही है, जिससे आसपास का माहौल बदबूदार और अस्वस्थ हो चुका है। लोग परेशान हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।

नगर पालिका इस समय नए डंपिंग स्थल की तलाश में जुटी है। कुरुवा इलाके में बुधवार को डेढ़ से दो घंटे तक अफसरों और पुलिस की कोशिशें चलीं, मगर समाधान न मिलने पर आखिरकार उन्हें वापस लौटना पड़ा।

कुल मिलाकर, बीना में कचरे का मुद्दा सिर्फ सफाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह जनता और प्रशासन के बीच जंग बनता जा रहा है। अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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