सागर। जिले के बंडा क्षेत्र में संचालित आरके पैथोलॉजी लैब पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब लैब द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में गंभीर गड़बड़ी सामने आई। मामला कलेक्टर संदीप जी.आर. के संज्ञान में पहुंचा, जिसके बाद तत्काल जांच टीम गठित की गई और दोषी लैब पर त्वरित कार्रवाई हुई।
कैसे खुला मामला ?
बंडा के कांटी गांव निवासी बृज सिंह लोधी की पुत्री ने हाल ही में आरके पैथोलॉजी लैब से खून की जांच कराई थी। लैब की रिपोर्ट में प्लेटलेट्स की संख्या बेहद कम यानी केवल 19,500 दर्ज की गई। इतनी कम संख्या देखने के बाद परिजन घबराए और उन्हें डेंगू जैसी गंभीर बीमारी का अंदेशा होने लगा।
परिवार ने एहतियातन सागर की एक निजी पैथोलॉजी लैब में दोबारा जांच कराई। हैरानी की बात यह रही कि वहां की रिपोर्ट में प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य से भी अधिक 2,48,000 निकली। दोनों रिपोर्टों के बीच बड़ा अंतर देखकर परिजनों को धोखाधड़ी का शक हुआ और उन्होंने पूरा मामला कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत के रूप में दर्ज कराया।
प्रशासन हरकत में आया
शिकायत मिलते ही कलेक्टर संदीप जी.आर. ने मामले को गंभीर मानते हुए सीएमएचओ को जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए। जांच की जिम्मेदारी बंडा के प्रभारी बीएमओ डॉ. प्रदीप सरवरिया को सौंपी गई।
डॉ. सरवरिया ने टीम के साथ मौके पर पहुंचकर आरके पैथोलॉजी लैब की गहन जांच की। जांच में पाया गया कि लैब किसी भी पंजीकृत डॉक्टर की देखरेख में संचालित नहीं हो रही थी, जो कि नियमों का सीधा उल्लंघन है।
जब्ती और कार्रवाई
जांच के दौरान प्रशासनिक टीम ने लैब से माइक्रो पिपेट, रिकॉर्ड रजिस्टर, सैंपल वायल जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज व उपकरण जब्त किए। हालांकि जिस मशीन से खून की जांच की गई थी, उसे लैब संचालक पहले ही टेस्टिंग के लिए भोपाल भेज चुका था, इसलिए वह जब्त नहीं हो सकी।
पंचनामा की प्रक्रिया पूरी करने के बाद टीम ने मौके पर ही लैब को सील कर दिया।
लोगों में आक्रोश
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि गलत रिपोर्ट देने से मरीजों की जान पर बन सकती थी। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी जरूरी है ताकि भविष्य में कोई और इस तरह से लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ न कर सके।
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