सागर / बंडा। जनपद पंचायत बंडा की ग्राम पंचायत भेड़ा खास में नल-जल योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का मामला सामने आया है। यह योजना, जिसका मकसद ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था, आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है। ग्राम पंचायत के उपसरपंच रोहित मिश्रा ने सरपंच और सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ने मिलकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया और योजना के नाम पर जनता को धोखा दिया।
कागजों में खर्च, जमीन पर कुछ नहीं
उपसरपंच ने बताया कि योजना में सुधार और रखरखाव का हवाला देकर करीब ₹1 लाख 30 हजार की राशि निकाली गई, लेकिन यह रकम वास्तविक कार्यों में खर्च होने के बजाय आपसी बंदरबांट में ग़ायब हो गई। दस्तावेज़ों में सब कुछ ठीक-ठाक दिखा दिया गया है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि गाँव में नल-जल योजना पूरी तरह ठप पड़ी है।
गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक महीने से पानी की आपूर्ति बंद है। नल सूखे पड़े हैं और लोग मजबूरी में गंदा पानी पीने को विवश हैं। इसकी वजह से कई लोगों की तबीयत बिगड़ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये खर्च दिखाए जाते हैं, लेकिन उन पैसों से उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
रोहित मिश्रा ने बताया कि इस घोटाले की शिकायत उन्होंने पहले ही सीएम हेल्पलाइन 181 पर दर्ज कराई थी, लेकिन वहां से कोई ठोस समाधान नहीं निकला। शिकायत पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई, पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
जनपद सीईओ को सौंपा ज्ञापन
लगातार अनदेखी से नाराज उपसरपंच ने मंगलवार को ग्रामीणों के साथ मिलकर जनपद पंचायत सीईओ को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत पत्र में स्पष्ट रूप से सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और तुरंत जांच कराने की मांग की गई। ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे सामूहिक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
ग्रामीणों का दर्द और मांग
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना उनके गांव में पूरी तरह फेल हो चुकी है। गंदा पानी पीने से स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द शुद्ध पेयजल की व्यवस्था बहाल की जाए
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