MP CONGRESS : मध्यप्रदेश के सतना जिले में हाल ही में हुए कांग्रेस के संगठनात्मक फेरबदल ने पार्टी के भीतर ही असंतोष की लहर पैदा कर दी है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर आरिफ इकबाल की नियुक्ति के बाद विरोध धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को बड़ी संख्या में स्थानीय कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता राजधानी भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (पीसीसी) पहुंचे और अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
धरना दे रहे नेताओं का कहना है कि जिस व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, वह संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच पहचाने जाने वाला चेहरा नहीं है। उनका आरोप है कि पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर दिया, जो वर्षों से संघर्ष की राजनीति कर रहे हैं और हर आंदोलन में आगे रहे हैं।
हम पुश्तैनी कांग्रेसी, पर नजरअंदाज कर दिया गया” – मशहूद अहमद शेरू
युवक कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष मशहूद अहमद शेरू ने पत्रकारों से बातचीत में खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नियुक्त किए गए नए शहर अध्यक्ष आरिफ इकबाल का परिवार मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और उनकी कांग्रेस की गतिविधियों में कोई खास भागीदारी नहीं रही।
शेरू ने दावा किया – मैं पिछले 25 साल से कांग्रेस की लड़ाई लड़ रहा हूं। मुझ पर 22 से ज्यादा केस दर्ज हुए, जेल भी जाना पड़ा और कई बार लाठियां खाईं। राहुल गांधी ने खुद कहा था कि जिलाध्यक्ष पद पर जमीन से जुड़े कार्यकर्ता को मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। जिस व्यक्ति की एक भी धरना-प्रदर्शन की तस्वीर तक उपलब्ध नहीं है, उसे अध्यक्ष बना दिया गया।
वरिष्ठ नेताओं से नहीं मिला जवाब
शेरू ने बताया कि उन्होंने अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कई बड़े नेताओं से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। मजबूरन उन्होंने अपने समर्थकों के साथ पीसीसी दफ्तर पर धरना शुरू किया है।
उनका कहना है कि जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में करीब 18 नाम शामिल थे और उनमें से किसी भी सक्रिय और पुराने कार्यकर्ता को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी। “हमारी मांग साफ है – पद किसी आम और संघर्षशील कांग्रेसी कार्यकर्ता को दिया जाए, ताकि संगठन को मजबूती मिल सके।”
फिलहाल धरना जारी है और प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जाता, वे पीछे नहीं हटेंगे।