राहतगढ़ में लेखापाल की संदिग्ध मौत के बाद उग्र प्रदर्शन, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मौके पर पहुंचकर दिया आश्वासन
सागर/राहतगढ़: राहतगढ़ नगर परिषद के लेखापाल हेमराज कोरी (57 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में गुरुवार को हुई मौत ने पूरे नगर में सनसनी फैला दी। शुक्रवार को इस घटना से आक्रोशित परिजन, नगर परिषद कर्मचारी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। हालात बिगड़ते देख क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री गोविंद सिंह राजपूत तत्काल मौके पर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया।
परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि नगर परिषद में लेखापाल के पद पर पदस्थ हेमराज कोरी को लंबे समय से मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही थी। उन्होंने बताया कि एक युवक सत्येंद्र जैन लगातार आरटीआई (RTI) आवेदन लगाकर हेमराज को परेशान करता था। इतना ही नहीं, उस पर पैसों की मांग करने का भी आरोप है। परिजनों और कर्मचारियों का कहना है कि सत्येंद्र जैन ने कथित रूप से 40 लाख रुपये की मांग की थी। इस दबाव और तनाव के कारण हेमराज ने आत्महत्या का कदम उठाया।
नगर में उग्र प्रदर्शन
मौत की खबर फैलते ही राहतगढ़ के नागरिकों, नगर परिषद कर्मचारियों और मृतक के परिजनों ने मुख्य सड़क पर धरना देते हुए चक्काजाम कर दिया। भीड़ ने मांग की कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ सिर्फ धोखाधड़ी नहीं बल्कि हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। लोग फर्जी आरटीआई के नाम पर किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
मंत्री राजपूत पहुंचे मौके पर
स्थिति गंभीर होती देख मंत्री गोविंद सिंह राजपूत तत्काल राहतगढ़ पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों और प्रदर्शन कर रहे लोगों से संवेदनशीलता के साथ बातचीत की। मंत्री ने कहा— “दुख की इस घड़ी में मैं पीड़ित परिवार और राहतगढ़ के नागरिकों के साथ हूं। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। निष्पक्ष जांच कर दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
मंत्री राजपूत ने एसडीएम और थाना प्रभारी को तत्काल सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज करने और उसकी ओर से दायर सभी आरटीआई की जांच करने के निर्देश दिए।
आश्वासन के बाद समाप्त हुआ जाम
लगभग कई घंटे तक चला यह विरोध तब समाप्त हुआ जब मंत्री राजपूत ने परिजनों को न्याय दिलाने और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। इसके बाद आक्रोशित भीड़ शांत हुई और चक्काजाम समाप्त किया गया। थाना प्रभारी ने भी पुष्टि की कि जांच पूरी होने के बाद सत्येंद्र जैन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
अंतिम संस्कार के लिए विशेष व्यवस्था
मंत्री राजपूत ने मृतक परिवार को सहयोग देने के लिए नगर परिषद कर्मचारियों, परिजनों और स्थानीय लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने हेतु राहतगढ़ से मृतक के पैतृक निवास तक बस की व्यवस्था भी करवाई। इस दौरान नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष पप्पू तिवारी, मंडल अध्यक्ष प्रियांक तिवारी, सुरेंद्र रघुवंशी, नगर परिषद उपाध्यक्ष जाहिर कुरैशी, ऋषभ ओसवाल सहित कई जनप्रतिनिधि और कर्मचारी मौजूद रहे।
राहतगढ़ में नगर परिषद के लेखापाल की संदिग्ध मौत ने न केवल प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आरटीआई कानून के दुरुपयोग की गंभीरता को भी उजागर किया है। मृतक के परिजनों और नगर के नागरिकों का गुस्सा यह दिखाता है कि अब लोग फर्जी आरटीआई और दबाव की राजनीति के खिलाफ कड़ा कदम उठते देखना चाहते हैं। फिलहाल जांच जारी है और पूरे नगर की निगाहें इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।