शराब ने उजाड़ा घर : मालथौन में तीन मासूम बच्चे हुए अनाथ, मोहल्ले में गूंज रही शराब बंद करने की मांग
मालथौन (सागर)। शराब की लत कितनी भयावह हो सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण बुधवार को मालथौन में देखने को मिला। एक 30 वर्षीय आदिवासी युवक की शराब पीने के बाद मौत हो गई और उसके पीछे तीन मासूम बच्चे रोते-बिलखते रह गए। मां पहले ही इस दुनिया से विदा हो चुकी थी, ऐसे में यह नशे का कहर बच्चों को पूरी तरह से अनाथ बना गया।
तीन बच्चों के सिर से उठा साया
मृतक युवक की पहचान पंकज आदिवासी (30 वर्ष) निवासी मालथौन के रूप में हुई है। पंकज की पत्नी पहले ही गुजर चुकी थी और अब शराब की लत ने उसकी भी जान ले ली। पिता की मौत के बाद तीनों बच्चे बेसहारा हो गए हैं। छोटे-छोटे मासूम कैमरे पर रोते हुए बार-बार यही गुहार लगा रहे हैं – “हमारे मोहल्ले से दारू बंद करवाओ, पापा रोज दारू पीते थे… अब हमें कौन संभालेगा?”
चाची का फूट पड़ा दर्द
बच्चों की चाची भी रोते हुए अपना दुख साझा करती नजर आईं। उन्होंने कहा – “हमारे बड़े जेठ और मंझले जेठ दोनों की मौत दारू के कारण हो गई। अब पंकज भी चला गया। एक-एक करके पूरा परिवार शराब ने निगल लिया।” उनकी आंखों में आंसू थे और शब्दों में गुस्सा – “घर-घर दारू बिक रही है, हमारे मोहल्ले को बर्बाद कर दिया है इस नशे ने।”
मोहल्ले में खुलेआम बिक रही कच्ची शराब
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मालथौन के वार्ड क्रमांक एक और दो के आदिवासी मोहल्लों में कच्ची और नकली शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है। मोहल्ले में रहने वाले कई परिवार लंबे समय से इस जहरीले धंधे के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।
इलाज के दौरान मौत
बुधवार को शराब सेवन करने के बाद पंकज की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजन उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। हालांकि, पंकज की मौत का असली कारण क्या था, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। अस्पताल प्रशासन ने पोस्टमार्टम कराया है और रिपोर्ट आने के बाद ही कारण साफ हो पाएगा।
पूरे गांव में पसरा मातम
पंकज की मौत के बाद उसके घर और पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। तीनों बच्चे बार-बार पिता को पुकारते रहे, वहीं रिश्तेदार और पड़ोसी उन्हें संभालते नज़र आए। यह घटना न सिर्फ उस परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी बन गई है कि शराब का कारोबार किस तरह से जिंदगी और परिवारों को बर्बाद कर रहा है।
उठी शराबबंदी की मांग
स्थानीय लोग अब खुलकर शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इस अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगी तो न जाने कितने और परिवार ऐसे ही उजड़ते रहेंगे।
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