Delhi Ashram Scandal : दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी इलाके वसंत कुंज स्थित एक चर्चित आश्रम में चल रहे घोटाले ने सभी को हैरान कर दिया है। यहां पढ़ाई करने वाली कई छात्राओं ने पुलिस को बताया कि आश्रम के प्रमुख स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने उनके साथ लगातार अश्लील हरकतें कीं और मानसिक दबाव बनाया। जैसे ही यह मामला सामने आया, आरोपी स्वामी मौके से फरार हो गया और अब पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
छात्राओं के खुलासे ने खोली गंदी परतें
दरअसल, इस आश्रम में मैनेजमेंट कोर्स कराने के नाम पर दर्जनों छात्राएं पढ़ाई कर रही थीं। इनमें से 17 छात्राओं ने हिम्मत जुटाकर पुलिस से शिकायत की कि स्वामी चैतन्यानंद, जिनका असली नाम पार्थ सारथी है, लंबे समय से उनका यौन उत्पीड़न कर रहा था। आरोप है कि वह उनसे छेड़छाड़ करता, अशोभनीय भाषा का प्रयोग करता और आपत्तिजनक संदेश भेजता था। कुछ छात्राओं ने यह भी कहा कि स्वामी ने कई मौकों पर जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की।छात्राओं का यह भी आरोप है कि आश्रम की कुछ महिला फैकल्टी और प्रशासनिक कर्मचारी आरोपी का खुलकर साथ देते थे और पीड़िताओं पर दबाव डालते थे कि वे उसकी मांगें मान लें। यहां तक कि कुछ वॉर्डन छात्राओं को सीधे स्वामी से मिलाने ले जाती थीं।
पुलिस जांच और अदालत में दर्ज बयान
पुलिस को पहली आधिकारिक शिकायत 4 अगस्त 2025 को मिली थी। इसी आधार पर वसंत कुंज (नॉर्थ) थाने में स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया। अब तक 32 से ज्यादा छात्राओं के बयान पुलिस ने दर्ज किए हैं, जिनमें से 17 ने स्पष्ट तौर पर छेड़छाड़ और उत्पीड़न की शिकायत की है।जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने आश्रम के सीसीटीवी फुटेज बरामद किए और संस्थान से मिली हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक जांच (FSL) के लिए भेज दिया है। वहीं पीड़िताओं के न्यायिक बयान भी पटियाला हाउस कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज हो चुके हैं। यह बयान केस को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
कार पर फर्जी UN नंबर, पुलिस की शक की पुष्टि
जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती एक महंगी वॉल्वो कार का इस्तेमाल करता था, जिस पर उसने ‘39 UN 1’ का फर्जी नंबर प्लेट लगवा रखा था। पुलिस ने जब इस नंबर की पुष्टि संयुक्त राष्ट्र (UN) से कराई तो साफ हो गया कि ऐसा कोई नंबर कभी जारी ही नहीं किया गया। आरोपी ने शक से बचने और खास दर्जा दिखाने के लिए यह झूठा नंबर उपयोग किया था। फिलहाल पुलिस ने कार जब्त कर ली है।
आरोपी अभी भी फरार, पुलिस ने बनाई विशेष टीमें
मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती फरार है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसकी आखिरी लोकेशन आगरा और आसपास के क्षेत्रों में मिली थी। दिल्ली पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं और दबिशें दी जा रही हैं।दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पश्चिमी जिले के उपायुक्त अमित गोयल ने पुष्टि करते हुए कहा, “छात्राओं की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच हर एंगल से की जा रही है और आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। उसकी कार पर मिला UN नंबर भी फर्जी साबित हुआ है।
आश्रम प्रशासन ने किया पद से बर्खास्त
यह आश्रम दरअसल दक्षिण भारत के एक प्रमुख आध्यात्मिक संस्थान की शाखा है। दिल्ली में इसका प्रबंधन चैतन्यानंद सरस्वती के हाथों में सौंपा गया था। लेकिन छात्राओं के आरोप सामने आने और मामले के पुलिस तक पहुंचने के तुरंत बाद आश्रम प्रशासन ने उसे पद से हटा दिया है।








