होम देश / विदेश मध्यप्रदेश राजनीति धर्म/अध्यात्म ऑटोमोबाइल सरकारी योजना खेल समाचार
By
On:

धनतेरस 2025: धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का शुभ पर्व, जानें पूजा का सही मुहूर्त और खरीदारी का समय

रोशनी के पर्व दीपावली की ...

[post_dates]

Sub Editor

Published on:

whatsapp

रोशनी के पर्व दीपावली की शुरुआत इस बार 18 अक्टूबर, शुक्रवार से हो रही है। परंपरा के अनुसार, पहला दिन धनतेरस के नाम से मनाया जाता है, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। यह दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धनवंतरि देव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक विश्वास है कि धनतेरस पर पूजा और खरीदारी करने से वर्षभर घर में धन, सौभाग्य और स्वास्थ्य का वास बना रहता है।

क्यों मनाई जाती है धनतेरस

पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उसी दिन देवी लक्ष्मी का भी प्राकट्य हुआ था। तभी से इस दिन को धन और स्वास्थ्य की देवी-देवताओं की आराधना का प्रतीक माना गया।
कहा जाता है कि धनतेरस के दिन सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू, धनिया, सुपारी, खील-बताशे जैसी वस्तुओं की खरीदारी करना अत्यंत मंगलकारी होता है। माना जाता है कि इससे घर में स्थायी लक्ष्मी का निवास होता है और दुर्भाग्य दूर होता है।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष धनतेरस पर पूजा का सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल और वृषभ काल माना गया है।

प्रदोष काल: शाम 5:48 से रात 8:20 बजे तक

वृषभ काल: शाम 7:16 से रात 9:11 बजे तक

मुख्य पूजा मुहूर्त: शाम 7:16 से रात 8:20 बजे तक

यम दीपदान: शाम 5:48 से शाम 7:04 बजे तक

इन मुहूर्तों में पूजन करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

 पूजा की विधि

धनतेरस की पूजा हमेशा साफ-सुथरे और पवित्र वातावरण में की जानी चाहिए। दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और घर की सफाई से करें।

1. पूजा स्थल पर लक्ष्मी जी, भगवान धनवंतरि और कुबेर देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

2. दीपक जलाने से पहले उसके नीचे खील या चावल रखें।

3. पूजा में जल, रोली, हल्दी, फूल, पान, फल और मिठाई अर्पित करें।

4. पूजन के दौरान मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करें।

5. शाम को यम दीपदान करना शुभ माना जाता है — यह अकाल मृत्यु के भय से रक्षा करता है।

6. पूजा के बाद दान और शुभ खरीदारी करना न भूलें।

धनतेरस पर जपने योग्य मंत्र

कहा जाता है कि इन मंत्रों के जाप से घर में स्वास्थ्य, धन और शांति का वास होता है—

ॐ धन्वन्तरये नमः

ॐ शुचये नमः

ॐ धामरूपिणे नमः

धनवंतरि जी की आरती

ओम जय धनवंतरि देवा, जय धनवंतरि देवा,
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए,
देवासुर के संकट आकर दूर किए।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया,
सदा स्वस्थ रहने का साधन बतलाया।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी,
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।
जो जन तुम्हें ध्यावे, रोग नहीं पावे,
असाध्य व्याधि भी उसका निश्चय मिट जावे।
धनवंतरिजी की आरती जो श्रद्धा से गावे,
रोग-शोक न आवे, सुख-समृद्धि पावे।

खरीदारी के शुभ चौघड़िया मुहूर्त

धनतेरस पर दिनभर में कई ऐसे समय रहेंगे जब खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाएगी।

दिन के चौघड़िया मुहूर्त:

शुभ: सुबह 7:49 से 9:15 बजे तक

चर: दोपहर 12:06 से 1:32 बजे तक

लाभ: दोपहर 1:32 से 2:57 बजे तक

अमृत: दोपहर 2:57 से 4:23 बजे तक

रात के चौघड़िया मुहूर्त:

लाभ: शाम 5:48 से 7:23 बजे तक

शुभ: रात 8:57 से 10:32 बजे तक

अमृत: रात 10:32 से 12:06 बजे तक

चर: रात 12:06 से 1:41 बजे तक

इनमें से किसी भी समय की गई खरीदारी को धनवृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।

धनतेरस सिर्फ खरीदारी का पर्व नहीं, बल्कि आस्था, स्वास्थ्य और समृद्धि का उत्सव है। मान्यता है कि इस दिन किया गया छोटा-सा पूजन या दान भी आने वाले वर्ष को सुख-समृद्धि और शुभ अवसरों से भर देता है।

Join our WhatsApp Group
Sub Editor

मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
प्रमुख खबरें
View All
error: RNVLive Content is protected !!