देवरी नगर पालिका पर आरोप: कलेक्टर के आदेश के बावजूद छोटे व्यापारियों से वसूला अवैध शुल्क
देवरीकलां। त्योहारों के दौरान छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए शासन द्वारा जारी निर्देशों के विपरीत देवरी नगर पालिका पर अवैध वसूली करने का गंभीर आरोप लगा है। दीपावली और ग्यारस पर्व के दौरान अस्थायी दुकानें लगाने वाले ठेला-रेहड़ी संचालकों एवं ग्रामीण कारीगरों से बाजार बैठकी शुल्क वसूलने का मामला सामने आया है, जबकि कलेक्टर संदीप जी.आर. ने स्पष्ट आदेश जारी किया था कि ऐसे छोटे व्यापारियों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
कलेक्टर के आदेश की खुली अवहेलना
मध्यप्रदेश शासन और जिला प्रशासन ने पहले ही निर्देश दिए थे कि त्योहारों पर गरीब, स्व-सहायता समूह की महिलाएं, स्थानीय ग्रामीण कारीगर और अस्थायी व्यापारी बिना शुल्क के अपना व्यवसाय कर सकें। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन पर नियमों को दरकिनार करते हुए वसूली करने का आरोप है।
स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, नगर पालिका के सीएमओ और राजस्व अमले ने दीपावली से लेकर ग्यारस पर्व के दिन तक सहजपुर तिराहा से सिविल लाइन क्षेत्र तक बैठे छोटे व्यापारियों से बाजार बैठकी के नाम पर रसीद काटकर पैसे लिए।
शिकायत के बाद भी जारी रही वसूली
जैसे ही मामले की जानकारी पटेल वार्ड के पार्षद त्रिवेंद्र जाट को लगी, उन्होंने कलेक्टर और एसडीएम देवरी को लिखित शिकायत भेजकर इस कार्रवाई को रोके जाने की मांग की। इसके बावजूद नगर पालिका कर्मियों ने कथित रूप से वसूली अभियान बंद नहीं किया और व्यापारियों से शुल्क लेना जारी रखा।
ग्रामीण क्षेत्र से आए राजपाल राजपूत, टेकराम काछी, मुन्ना साहू, लखन पटेल समेत कई कारोबारियों ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर नपा कर्मियों ने धमकी देकर पैसे वसूले। दुकानदारों में देवी प्रतिमा विक्रेता, दीया-मूर्ति विक्रेता, फूल-माला और सब्जी-फल बेचने वाले शामिल हैं।
अधिकारियों का पक्ष
जब इस विषय पर कलेक्टर संदीप जी.आर. से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वे तत्काल नगर पालिका सीएमओ से चर्चा करेंगे। वहीं एसडीएम मुन्नवर खान ने कहा कि शिकायत नगर पालिका के पास ही आएगी और सीएमओ इस पर जवाब देंगे।
छोटे व्यापारियों पर बोझ, कार्रवाई की मांग
त्योहारों में अतिरिक्त बिक्री पर निर्भर छोटे व्यापारी कहते हैं कि यह कमाई उनके परिवार की साल भर की जरूरतों में सहारा देती है, लेकिन अवैध वसूली से उनका आर्थिक नुकसान हुआ है। अब स्थानीय लोग और पीड़ित व्यापारी यह देख रहे हैं कि आदेश की अवहेलना करने वाले नगर पालिका अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा।
त्योहारों पर छोटे व्यापारियों को राहत देने का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है जब प्रशासन सख्ती से आदेशों का पालन कराए। इस घटना ने स्थानीय शासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सभी की निगाहें अब जिला प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।








