बेटी को पीटने से रोका तो दामाद ने ससुर पर कर दिया हमला,14 दिन मौत से जूझने के बाद रिटायर्ड हवलदार ने तोड़ा दम
बजरिया में पारिवारिक विवाद बना जानलेवा, हत्या की धाराओं में बढ़ोत्तरी
भोपाल के बजरिया इलाके में घरेलू कलह ने एक बुजुर्ग की जान ले ली। एसएएफ के रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल नसीर हुसैन (70) पर उनके दामाद परवेज़ खान ने 10 नवंबर की रात चाकू से हमला किया था। अस्पताल में 14 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात उन्होंने अंतिम सांस ली। बुजुर्ग की मौत के बाद अब पुलिस ने मामले में हत्या की धाराएँ जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बेटी से मारपीट से दुखी होकर हवलदार ने दिया था सहारा
टीआई शिल्पा कौरव ने बताया कि नसीर हुसैन कच्ची सराय क्षेत्र में रहते थे और एसएएफ से हेड कॉन्स्टेबल के पद से रिटायर हुए थे। करीब चार साल पहले उनकी बेटी की शादी परवेज़ खान से हुई थी।
शादी के बाद से ही परवेज़ पत्नी को प्रताड़ित करता था और आए दिन झगड़े की स्थिति बनती रहती थी। लगातार मारपीट से परेशान होकर महिला अपने मायके में रहने लगी थी। पिता नसीर ने भी बेटी को समझाया और उसकी सुरक्षा को देखते हुए उसे अपने पास रख लिया।
पत्नी को लेने आया दामाद, नसीहत सुनते ही भड़क गया
10 नवंबर की रात परवेज़ खान ससुराल पहुंचा और पत्नी को वापस ले जाने की बात करने लगा। इस दौरान फिर विवाद बढ़ गया।
नसीर हुसैन ने दामाद को झगड़ा न करने और बेटी पर हाथ न उठाने की सलाह दी। बात सुनकर परवेज़ भड़क उठा और अचानक चाकू निकालकर ससुर के पेट में वार कर दिया। घायल अवस्था में परिजनों ने तुरंत नसीर को अस्पताल पहुंचाया।
घटना के बाद पुलिस ने परवेज़ को गिरफ्तार कर हत्या के प्रयास के मामले में जेल भेज दिया था।
14 दिनों तक चला इलाज, नहीं बचाई जा सकी जान
करीब दो हफ्ते चले उपचार के बावजूद डॉक्टर नसीर हुसैन की जान नहीं बचा सके। उनकी मौत की सूचना अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को दी।
पुलिस टीम ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और शुक्रवार को रिपोर्ट के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया।
अब मामला हत्या में परिवर्तित किया जा रहा है, और आरोपी के खिलाफ आगे कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।








