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सागर : मंडी में भावांतर योजना घोटाले का भंडाफोड़ व्यापारी की फर्म में 906 क्विंटल सोयाबीन गायब, एफआईआर और लाइसेंस निलंबित

( सागर ) बीना। कृषि ...

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( सागर ) बीना। कृषि उपज मंडी में भावांतर योजना के तहत की गई खरीद में बड़ा अनियमितता मामला सामने आया है। चार पर्चियों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी की शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए फ्लाइंग स्क्वॉड बीना पहुंची, जहां जांच के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

फ्लाइंग स्क्वॉड टीम, एएसआई राजकुमार गौड़, ऑडिटर शगुन जैन और आशीष राय ने व्यापारी संघ अध्यक्ष संदीप जैन की फर्म सोनू ट्रेडर्स में छापा डाला। शुरुआती चरण में टीम को जांच की अनुमति नहीं मिली, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की दखल के बाद रिकॉर्ड देखने की अनुमति दी गई।

तुलनात्मक मिलान में सामने आया कि फर्म के रिकॉर्ड में 5966 क्विंटल सोयाबीन दर्ज था, जबकि मौके पर 906 क्विंटल कम पाया गया। जांच निष्कर्ष में यह भी उल्लेख है कि भावांतर योजना के तहत बिना वास्तविक खरीद किए सोयाबीन तौल दिखाए जाने से शासन को लगभग 12 लाख 50 हजार रुपये का नुकसान पहुंचा।

जांच रिपोर्ट तत्काल कलेक्टर और मंडी सचिव कमलेश सोनकर को सौंपी गई। इसके बाद एसडीएम ने आगे की विस्तृत जांच के लिए नई टीम गठित की है, जिसमें राजस्व निरीक्षक प्रीतम राय, मंडी निरीक्षक राजेंद्र मौर्य, पटवारी कौशल किशोर नामदेव, चंचल चौरसिया, दीपक कलावत और सहायक उपनिरीक्षक श्याम सुंदर शर्मा शामिल हैं।

संयुक्त संचालक के निर्देश पर बुधवार शाम मंडी सचिव ने थाना प्रभारी को व्यापारी संदीप जैन के खिलाफ एफआईआर आवेदन सौंपा। साथ ही सोनू ट्रेडर्स का मंडी लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है, जिससे फर्म फिलहाल किसी भी तरह की खरीद–फरोख्त नहीं कर पाएगी।

पूरे मामले में अपना पक्ष रखते हुए संदीप जैन ने कहा कि उन्होंने नैफेड का 960 क्विंटल सोयाबीन खरीदा था, जिसे खुरई स्थित वेयरहाउस में रखा गया है। उनका कहना है कि भौतिक परीक्षण के दौरान इस स्टॉक को गणना में शामिल नहीं किया गया, जिसके कारण रिकॉर्ड में कमी दिखाई दे रही है।

प्रशासनिक जांच जारी है और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी।

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