सागर। शाहगढ़ डाकघर में वित्तीय अनियमितताओं और ग्राहकों की जमा राशि में हेराफेरी का मामला लगातार गहराता जा रहा है। बुधवार तक लगभग 20 लाख की धोखाधड़ी सामने आई थी लेकिन गुरुवार को यह राशि बढ़कर करीब 25 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। जैसे जैसे मामले की जानकारी आम लोगों तक पहुंची डाकघर में खाताधारकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कई खाताधारक अपनी पासबुक लेकर डाकघर पहुंचे और अपने खाते का बैलेंस चेक कराने के साथ ही रकम निकालने पर अड़ गये। डाकघर परिसर में दिनभर भीड़ रही। गुरुवार को 5 नये खाताधारक ऐसे सामने आये जिनके खातों में भी अनियमिततायें पाई गई हैं।
पीड़ितों की दर्द भरी दास्तान
रामेश्वर साहू ने बताया कि उनके खाते में 98 हजार रुपये जमा किये गये थे जिसकी एंट्री पासबुक में मैनुअल की गई लेकिन वह राशि उनके खाते में कभी जमा ही नहीं की गई। साहू ने स्पष्ट कहा पासबुक में लिख दिया लेकिन पैसा खाते में गया ही नहीं। एक अन्य खाताधारक गुड्डी बाई ने बताया कि वह शाहगढ़ में सब्जी की छोटी दुकान लगाती हैं और दिन में बमुश्किल 100-150 रुपये कमा पाती हैं। उन्होंने अपनी वर्षों की बचत डाकघर में जमा की थी। लेकिन उनके खाते से 40 हजार रुपये की हेराफेरी हो गई। गुड्डी बाई ने रोते हुये कहा एक-एक रुपया जोड़कर जमा किया था सब लुट गया। शाहगढ़ के सराफ ा व्यापारी नारायण प्रसाद सोनी ने अपनी बेटियों रमा सोनी, पूनम सोनी और पूजा सोनी के खाते खुलवाये थे। तीनों के खातों से कुल 3 लाख 30 हजार रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है।
एक दिन में 200 खातों का सत्यापन
मामला सुर्खियों में आने के बाद गुरुवार को विभाग ने 5 सदस्यीय विशेष जांच टीम शाहगढ़ भेजी। जिसमे नितिन कांत खरे निरीक्षक, खुरई, नीरज खरे निरीक्षक हटाये आरिफ खान निरीक्षक, दमोह, संजय कुमार निरीक्षक सागर, विनय शंकर अग्रवाल निरीक्षक दमोह शामिल हैं। जांच अधिकारियों ने पूरे दिन में लगभग 200 खातों का मिलान किया। इनमें से 5 खातों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है। जांच टीम के अनुसार और भी खातों में अनियमितता की आशंका है, जिसके सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
अभी और खुलासों की संभावना
फर्जीवाडे की खबर फैलते ही आम नागरिकों में गहरा रोष है। कई ग्राहकों ने आरोप लगाया कि लंबे समय से जमा राशि को गलत तरीके से अन्यत्र ट्रांसफर किया गया या एंट्री पासबुक में कर दी गई पर डिजिटल खाते में राशि नहीं डाली गई। जांच टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अनुमान है कि यह राशि 25 लाख से भी ज्यादा हो सकती है। डाकघर के कुछ कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। विभागीय कार्यवाही की संभावना जताई जा रही है।








