सागर। देवरी जनपद की ग्राम पंचायतों पड़रई बुजुर्ग और कोपरा में मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। जांच के दौरान मौके पर कोई मजदूर कार्य करते नहीं मिले, लेकिन मस्टर रोल में श्रमिकों की पूरी हाजिरी भरकर भुगतान कराया जा रहा है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत पड़रई बुजुर्ग के बोरिया गांव में नवीन तालाब निर्माण कार्य काफी समय पहले पूरा हो चुका है। बावजूद इसके सरपंच द्वारा 36 श्रमिकों की फर्जी हाजिरी मनरेगा एप पर दर्ज की जा रही है। पुराने कार्य को ही दोबारा दिखाकर भुगतान बनाने की कोशिशें जारी हैं। ग्राम पंचायत कोपरा के बाघराज बाबा के पास फील्ड पॉइंट निर्माण कार्य मनरेगा से स्वीकृत है। ग्रामीणों ने बताया कि काम मजदूरों से नहीं, बल्कि जेसीबी मशीन से कराया गया। इसके बावजूद सचिव सरपंच द्वारा 23 श्रमिकों की पुरानी तस्वीरे एप पर अपलोड कर फर्जी हाजिरी डाली जा रही है। पंचायत में राजेश्वरी लोधी सचिव हैं, लेकिन हाजिरी उनके पति महेंद्र लोधी द्वारा भरने का आरोप है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि तालाब की निकली मिट्टी को प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में ट्रैक्टर व डंपरों के जरिये बेच दिया गया। जब इस मामले में सहायक सचिव राजेश्वरी लोधी पति महेंद्र लोधी से बात की, तो उन्होंने कहा आप जो सही लगे लिख दीजिये, हाजिरी डाल दी है। उनका यह बयान स्वयं अनियमितताओं की पुष्टि जैसा प्रतीत होता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत कर्मी मनमानी कर मनरेगा की मजदूरी खुद हड़प रहे हैं। पुराने काम की फोटो अपलोड कर अपने ही लोगों को कमीशन देकर फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है। देवरी विकासखंड की कई पंचायतों में ऐसे ही भ्रष्टाचार की शिकायतें आम हो गई हैं।
इनका कहना है
पैसा नहीं निकल पाया था, काम तो पहले हो चुका है। आप सरपंच से बात कर लो।
– महेश गौंड़
सहायक सचिव ग्राम पंचायत पड़रई बुजुर्ग








