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सिविल अस्पताल में चूहों की दस्तक, फार्मासिस्ट की शिकायत के बाद बढ़ी स्वच्छता और दवाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता

सिविल अस्पताल में चूहों की ...

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सिविल अस्पताल में चूहों की दस्तक, फार्मासिस्ट की शिकायत के बाद बढ़ी स्वच्छता और दवाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता

सागर। बीना शहर के सिविल अस्पताल में इन दिनों चूहों की बढ़ती सक्रियता से अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ की चिंता बढ़ गई है। इंदौर और जबलपुर के बाद अब बीना सिविल अस्पताल में भी बीते दो दिनों के भीतर चूहे पकड़े जाने की पुष्टि हुई है। इस समस्या ने अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था के साथ-साथ दवाओं के सुरक्षित भंडारण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अस्पताल में कार्यरत एक फार्मासिस्ट ने इस समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को लिखित शिकायत सौंपते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि अस्पताल परिसर के कई हिस्सों में चूहे खुलेआम घूमते देखे जा रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है और दवाओं के खराब होने की आशंका भी बढ़ गई है।

मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने त्वरित कदम उठाते हुए परिसर में पिंजरे लगवाए। जानकारी के अनुसार, लगाए गए दो पिंजरों में पिछले दो दिनों में दो चूहे पकड़े गए, जिन्हें बाद में खुले मैदान में छोड़ दिया गया। हालांकि समस्या सिर्फ एक-दो स्थानों तक सीमित नहीं बताई जा रही है।

अस्पताल स्टाफ का कहना है कि चूहे स्टाफ नर्स कार्यालय ही नहीं, बल्कि दवा वितरण केंद्र, डॉक्टरों के कक्ष, ओपीडी और वात्सल्य भवन सहित अन्य विभागों में भी दिखाई दे रहे हैं। राहत की बात यह बताई जा रही है कि अब तक किसी मरीज को चूहों से प्रत्यक्ष नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

स्टाफ का यह भी कहना है कि चूहों की लगातार मौजूदगी के कारण दवाओं को खुले में सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है, जिससे रोजमर्रा के कामकाज और दवा प्रबंधन में परेशानी आ रही है। कर्मचारियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस समस्या का स्थायी और प्रभावी समाधान जल्द किया जाए, ताकि अस्पताल में स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण बनाए रखा जा सके।

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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