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प्रथम स्थान पाने के बाद भी दलित महिला को दो माह से नहीं मिला आंगनवाड़ी सहायिका का नियुक्ति पत्र, फर्जीवाड़े की आशंका

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प्रथम स्थान पाने के बाद भी दलित महिला को दो माह से नहीं मिला आंगनवाड़ी सहायिका का नियुक्ति पत्र, फर्जीवाड़े की आशंका
देवरी। नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। देवरी विधानसभा अंतर्गत सहजपुर सेक्टर के ग्राम मेहन्दा में आंगनवाड़ी सहायिका पद पर प्रथम स्थान प्राप्त करने के बावजूद एक दलित महिला को करीब दो माह से नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित महिला लगातार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटने को मजबूर है। जानकारी के अनुसार ग्राम मेहन्दा में आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती के लिये लगभग 6 महिलाओं ने आवेदन किया था। चयन सूची में अनुसूचित जाति वर्ग की संध्या मेहरा के सर्वाधिक अंक पाये गये, जिसके आधार पर उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाना था। लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग केसली के अधिकारियों द्वारा आज तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं सौंपा गया। पीड़िता संध्या मेहरा का आरोप है कि वे पिछले दो माह से परियोजना अधिकारी ममता खटीक के कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन हर बार उन्हें कभी जांच चल रही है, तो कभी ऊपर से आदेश नहीं आया जैसे बहाने बनाकर लौटा दिया जाता है। जबकि अन्य ग्रामों में नियुक्ति पत्र पहले ही वितरित किये जा चुके हैं। पीड़ित महिला ने इस संबंध में देवरी विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ एवं एसडीएम केसली को लिखित शिकायतें सौंप दी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। महिला बाल विकास विभाग केसली की परियोजना अधिकारी का कहना है कि संध्या मेहरा की नियुक्ति पर ऊषा पलिया द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद बीपीएल जांच में संध्या मेहरा का नाम हटाया गया, जिससे उनके अंक कम हो गये। वहीं पीड़िता संध्या मेहरा का कहना है कि उन्होंने भी ऊषा पलिया के बीपीएल पर आपत्ति दर्ज कराई थी और जांच के बाद दोनों पक्षों के बीपीएल कार्ड निरस्त कर दिये गये हैं। इसकी पुष्टि अतिरिक्त प्रभारी पटवारी मनीष लोधी ने करते हुये बताया कि दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच में दोनों के बीपीएल नाम हटाये जा चुके हैं। ऐसे में नियमों के अनुसार संध्या मेहरा ही पात्र अभ्यर्थी हैं और उन्हें ही नियुक्ति पत्र दिया जाना चाहिये। पीड़िता के पति नीरज मेहरा ने आरोप लगाया है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कम अंक वाली महिला को नियुक्ति देने की साजिश रची जा रही है। जानबूझकर संध्या मेहरा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
इनका कहना है-
इनकी नियुक्ति पर आपत्ति लगी है इनका बीपीएल में नाम कट गया है अभी जांच जारी है इनसे भी आप अपील करवा दे इनका हो जायेगा।
-भरत सिंह ठाकुर
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास
अभी नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा सकता है मेहन्दा ग्राम की सहायिका नियुक्ति में अभी जिला स्तर पर जांच चल रही है।
-ममता खटीक
परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास, केसली
महंदा ग्राम की संध्या मेहरा व उषा पलिया दोनों महिलाओ के परिवार के सदस्यों ने दोनों पक्ष ने एक दूसरे खिलाफ बीपीएल से नाम हटवाने शिकायत तहसीलदार को की थी जिसमे जांच में दोनों पक्ष के बीपीएल निरस्त कर दिये गये थे।
-मनीष लोधी
अतिरिक्त प्रभारी पटवारी सहजपुर

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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