सागर : गोपालगंज थाना क्षेत्र से लापता हुआ 5 साल का बच्चा, पुलिस के सतत प्रयास और टीमवर्क से 6 घंटे बाद बीना स्टेशन पर मिला सुरक्षित
सागर। गोपालगंज थाना क्षेत्र में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब गुलाब कॉलोनी, शिवाजी वार्ड में स्थित सेवा भारती मात्र छाया शिशु गृह से करीब 5 साल का बच्चा अचानक लापता हो गया। सुबह लगभग 11 बजे जैसे ही इस घटना की सूचना थाना प्रभारी को मिली, पूरे जिले में पुलिस महकमा अलर्ट मोड पर आ गया।
तेज़ी से शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन
थोड़ी ही देर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश कुमार सिंहा ने खुद कमान संभाली और अलग-अलग टीमों का गठन किया। जिले भर के सभी थाना प्रभारियों को बच्चे की तलाश में तुरंत जुटने के निर्देश दिए गए। स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम में विशेष टीम लगाई गई, जिसने विभिन्न इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग खंगालनी शुरू की।
हर कोने-कोने पर चौकसी
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मुख्य सड़कों और जिले की सीमाओं पर सघन चेकिंग की गई। बच्चे की फोटो पूरे जिले के थानों तक पहुंचाई गई ताकि किसी भी कीमत पर वह जिले से बाहर न जा सके। पुलिस की टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर लगातार गश्त करते हुए हर इनपुट पर तेजी से काम किया।
कड़ी मेहनत लाई रंग
करीब 6 घंटे तक लगातार चले इस मैराथन सर्च ऑपरेशन के बाद आखिरकार दोपहर लगभग 4 बजे राहत भरी खबर आई। बीना रेलवे स्टेशन पर विशेष टीम ने बच्चे को सुरक्षित ढूंढ निकाला। मासूम को सकुशल पाकर न केवल पुलिस बल ने चैन की सांस ली, बल्कि पूरे क्षेत्र में राहत का माहौल बन गया।
टीमवर्क से मिली सफलता
इस पूरे ऑपरेशन में थाना प्रभारी गोपालगंज राजेन्द्र सिंह कुशवाहा और उपनिरीक्षक आर.के.एस. चौहान की सक्रियता और टीमों के बीच तालमेल निर्णायक साबित हुआ। चौहान लगातार कंट्रोल रूम से मिली सूचनाओं को संबंधित टीमों तक पहुंचाते रहे। वहीं, थाना प्रभारी कुशवाहा ने मौके पर रहकर पूरे अभियान को दिशा दी।
इस अभियान में बीना थाना प्रभारी अनूप यादव, आरपीएफ थाना प्रभारी कमल सिंह, आरक्षक अमित बामने, कंट्रोल रूम से आर.के.एस. चौहान और उनकी टीम, गोपालगंज से सुनील रोहित, अनिल प्रभाकर, दीपक व्यास, अनंत, अंकित तिवारी, दशरथ मालवीय, रणवीर सिंह, राजेश चौबे, जय सिंह, चंद्रकांत, नेकराम सहित कई अधिकारियों और जवानों ने अहम भूमिका निभाई। स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के एक्सपर्ट राहुल सिंह राजपूत ने भी तकनीकी सहयोग दिया।
लगातार समन्वय और सतत मॉनिटरिंग की बदौलत यह मिशन सफल रहा और मासूम सुरक्षित घर लौट पाया।