MP : इंदौर शहर के रावजी बाजार थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बच्चा खरीदने-बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह में शामिल 11 लोगों की पहचान की है, जिनमें 6 महिलाएं और 5 पुरुष शामिल हैं। इनमें से 9 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं।
कैसे खुला मामला ?
इस पूरे मामले की शुरुआत हुई शहर के आजाद नगर निवासी रितेश व्यास से, जो ऑटो पार्ट्स की दुकान में कार्यरत हैं। करीब छह महीने पहले मूसाखेड़ी चौराहे पर उनकी मुलाकात प्रमिला साहू और वंदना मकवाना से हुई थी। दोनों महिलाओं ने खुद को बुजुर्गों की देखभाल करने वाले सेंटर की संचालिका बताया था। कुछ मुलाकातों के बाद उन्होंने रितेश को बताया कि वे निःसंतान दंपतियों को बच्चे गोद दिलाने का काम भी करती हैं।
शक हुआ, फिर बनाई प्लानिंग
रितेश को महिलाओं की बातों पर संदेह हुआ। उन्हें यह भी पता चला कि प्रमिला और वंदना पूर्व में हिरानगर थाना क्षेत्र में बच्चे की खरीद-फरोख्त के आरोप में जेल जा चुकी हैं। उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। फिर योजना बनाई गई कि बच्चा गोद लेने के बहाने इन महिलाओं से सौदा किया जाएगा और रंगे हाथ पकड़ा जाएगा।
4 अगस्त को तय प्लान के अनुसार, रितेश ने प्रमिला और वंदना को अग्रसेन चौराहे पर बुलाया। यहां उन्होंने रितेश की मुलाकात राजू, प्रिया और सोनू वेद से कराई। सोनू की गोद में डेढ़ महीने का बच्चा था। बातचीत के दौरान महिलाओं ने कहा कि सोनू आर्थिक रूप से कमजोर है और वह बच्चा देना चाहती है। जैसे ही सौदे की बात आगे बढ़ी, रितेश ने पुलिस को मौके पर बुला लिया।
10 लाख में डील, लेकिन मां को सिर्फ 4 लाख का लालच
जांच में सामने आया कि प्रमिला और वंदना ने बच्चे के बदले रितेश से 10 लाख रुपये की डील की थी, लेकिन बच्चा देने वाली मां सोनू को सिर्फ 4 लाख रुपये देने की बात कही गई थी। गरीबी और मजबूरी में फंसी सोनू इस सौदे के लिए तैयार हो गई थी।
सोनू की दर्दनाक कहानी
सोनू वेद, जो मूलतः गुजरात के दाहोद जिले की रहने वाली है, वर्ष 2022 में अपने पहले पति से अलग हो चुकी थी। इसके बाद वह उज्जैन आ गई, जहां एक युवक ने प्रेमजाल में फंसाकर उसे धोखा दिया। सोनू को अपने पहले पति से एक बेटी भी है। गर्भवती होने के दौरान उसकी मुलाकात प्रमिला और वंदना से हुई थी, जिन्होंने उसकी आर्थिक मदद की और डिलीवरी का खर्चा भी उठाया। फिर उसी मजबूरी का फायदा उठाकर उसे बच्चा बेचने के लिए तैयार कर लिया गया।
लुटेरी दुल्हन गैंग से भी हैं संबंध
जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि गिरोह में शामिल महिलाएं लुटेरी दुल्हन गैंग से भी जुड़ी हुई हैं। प्रमिला और वंदना ने पहले राजस्थान के झालावाड़ और मध्यप्रदेश के रतलाम (नामली) के दो युवकों को शादी के नाम पर ठगा था।
गिरोह में कौन-कौन शामिल ?
प्रमिला साहू और वंदना सक्सेना — दोनों एक नर्सिंग सेंटर चलाती थीं
पूजा वर्मा — घरेलू कामकाज करती है, जिससे पूछताछ में नीलम का नाम आया
नीलम वर्मा — विजय नगर स्थित एक आईवीएफ सेंटर में काम करती है
नीतू शुक्ला — मैरिज ब्यूरो संचालिका
प्रिया माहेश्वरी (राठी) — शादी का झांसा देकर ठगी के पुराने केस में नामजद
संतोष शर्मा — बच्चा उपलब्ध कराने में संपर्क सूत्र
सोनू वेद – बच्चा देने वाली मां
इनमें से कुछ महिलाओं के खिलाफ पूर्व में भी ठगी के मामले दर्ज हैं। पुलिस को जानकारी मिली कि प्रिया की गैंग में 3-4 महिलाएं और शामिल हैं, जो शादी के बहाने लोगों से पैसे ऐंठती थीं।
पुलिस की कार्रवाई
एडिशनल डीसीपी जोन-4 दिशेष अग्रवाल ने बताया कि मामले में अब तक 11 आरोपियों की पहचान हो चुकी है। पुलिस ने 9 को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी से हिरासत में पूछताछ जारी है और एक की तलाश की जा रही है। सभी आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस ने इस मामले में मानव तस्करी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।