सागर में दर्दनाक हादसा: नाना के साथ बिस्कुट लेने जा रहे ढाई साल के मासूम को थार गाड़ी ने कुचला, हुई मौत
सागर। सानौधा थाना क्षेत्र के ग्राम परसोरिया में रविवार शाम एक हृदय विदारक हादसा हो गया। बिस्कुट लेने के लिए नाना के साथ पैदल दुकान जा रहे ढाई साल के मासूम आयुष लोधी को तेज रफ्तार थार गाड़ी ने टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल बच्चे ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुँचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बिस्कुट लेने निकला था मासूम, थार ने छीन ली जिंदगी
जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम करीब 6:30 बजे आयुष लोधी (उम्र लगभग ढाई साल) अपने नाना विजय लोधी के साथ पैदल दुकान जा रहा था। इसी दौरान पीछे से आ रही थार गाड़ी (क्रमांक एमपी-15 जेडएन-8099) ने अचानक रॉन्ग साइड से आकर मासूम को टक्कर मार दी। गाड़ी का चालक अमन जैन (निवासी परसोरिया) बताया जा रहा है।
टक्कर इतनी भीषण थी कि छोटा बच्चा मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन तत्काल उसे इलाज के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, सागर लेकर निकले, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
कुछ दिन पहले आया था ननिहाल
परिजनों ने बताया कि मृतक आयुष, अमर सिंह लोधी निवासी गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर का बेटा था। वह कुछ दिन पहले ही अपने नाना-नानी से मिलने परसोरिया गांव आया था। रविवार को जब वह बिस्कुट लेने नाना के साथ निकला, तभी यह हादसा हो गया।
गांव में मासूम की मौत की खबर जैसे ही फैली, हर कोई गमगीन हो उठा। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव का माहौल शोकाकुल हो गया है।
पुलिस की कार्रवाई: चालक गिरफ्तार, गाड़ी जप्त
इस मामले में सानौधा थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी विजय लोधी पिता लक्ष्मी लोधी की रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई की गई। पुलिस ने थार गाड़ी को जब्त कर लिया है और सोमवार को आरोपी चालक अमन जैन पिता अजय जैन निवासी परसोरिया को गिरफ्तार कर लिया गया।
साथ ही मासूम आयुष के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है।
लापरवाह ड्राइविंग से मासूम की मौत
यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि गांव-गांव में बढ़ते चारपहिया वाहनों और लापरवाह ड्राइविंग से छोटे बच्चों और पैदल चलने वालों की जान कितनी असुरक्षित हो गई है। परिवार का कहना है कि अगर गाड़ी सही दिशा और धीमी गति से चलाई जाती तो मासूम की जान बच सकती थी।