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(सागर) आत्महत्या के बाद बवाल, सुसाइड नोट में सरपंच सहित कई लोगों पर लगाए गंभीर आरोप, परिजनों ने किया चक्काजाम

बीना (सागर)। बारधा गांव के ...

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बीना (सागर)। बारधा गांव के निवासी श्रीराम साहू ने गुरुवार सुबह अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया, खासतौर पर तब जब मृतक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें ग्राम पंचायत के सरपंच पप्पू उर्फ रामनरेश राजपूत, मोनू ठाकुर, लल्ला ठाकुर समेत अन्य लोगों पर प्रताड़ना और उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं।

घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। आक्रोशित परिजनों ने शव को स्ट्रेचर पर रखकर सर्वोदय चौक पर चक्काजाम कर दिया और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। लगभग एक घंटे तक इस चौराहे पर यातायात पूरी तरह से ठप रहा।

मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी अनूप यादव ने परिजनों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया, जिसके बाद वे शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले गए।

मृतक की बेटी अंजलि साहू ने बताया कि वह रोज की तरह अपने पिता को सुबह चाय देने गई, लेकिन वह कमरे में नहीं मिले। काफी तलाश के बाद वह कमरे के एक हिस्से में दुपट्टे से लटके मिले। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

परिवार के अनुसार, श्रीराम साहू के सुसाइड नोट में लिखा है कि पप्पू वकील ने उनसे 15 साल पहले पैसे उधार लिए थे, और जब उन्होंने पैसे मांगे तो धमकियां मिलने लगीं। बुधवार को उनके बेटे से दुकान पर मारपीट हुई थी, जिसे लेकर पहले भी विवाद चल रहा था। परिवार का आरोप है कि सरपंच और उसके सहयोगियों ने पहले भी जातिगत टिप्पणियां और हिंसा की थी।

मृतक के बेटों लोकेंद्र और सुमित ने बताया कि उन्होंने बुधवार को थाने में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी उपेक्षा और मानसिक दबाव के चलते उनके पिता ने यह कठोर कदम उठा लिया।

फिलहाल पुलिस ने सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। टीआई अनूप यादव का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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हमारे बारे में योगेश दत्त तिवारी पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मीडिया की दुनिया में एक विश्वसनीय और सशक्त आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने समर्पण, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने पत्रकारिता में एक मजबूत स्थान बनाया है। पिछले 15 वर्षों से वे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'देशबंधु' में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उनकी लेखनी न सिर्फ तथ्यपरक होती है, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करती है। योगेश दत्त तिवारी का उद्देश्य सच्ची, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने हमेशा युवाओं को जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया है और पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। उनकी संपादकीय दृष्टि, विश्लेषणात्मक क्षमता और निर्भीक पत्रकारिता समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है।
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