प्रॉपर्टी लोन दिलाने के नाम पर बड़ी ठगी का आरोप : पीड़ितों ने थाने में दी लिखित शिकायत
सागर। बीना में प्रॉपर्टी लोन उपलब्ध कराने का भरोसा देकर एक डीएसए कंपनी पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप सामने आए हैं। बुधवार को ठगी के शिकार लोगों ने एकजुट होकर पुलिस थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। शिकायतकर्ताओं में भाजपा नेता नरेश बौद्ध भी शामिल हैं, जिन्होंने अन्य पीड़ितों के साथ लिखित आवेदन सौंपा।
पीड़ितों के अनुसार संबंधित डीएसए कंपनी का कार्यालय पहले शाह कॉलोनी के कानूनगो वार्ड में संचालित हो रहा था। इसके बाद कार्यालय को अंबेडकर चौराहे के सामने स्थित एक बड़ी इमारत में शिफ्ट किया गया और वर्तमान में पुष्प विहार कॉलोनी में समाधान हॉस्पिटल के पास इसके संचालन की जानकारी दी गई है।
शिकायत में बताया गया है कि कंपनी के संचालक रहीम खान, निवासी छतरपुर और उसके सहयोगी हरनाम सिंह, निवासी ग्राम बेरखेड़ी टाड़ा ने संपत्ति ऋण स्वीकृत कराने का आश्वासन दिया। आरोप है कि हरनाम सिंह स्थानीय लोगों को कंपनी संचालक रहीम खान से मिलवाता था और फिर लोन दिलाने की प्रक्रिया के नाम पर विभिन्न शुल्क वसूले जाते थे। इनमें लॉगिन फीस, फाइल चार्ज, प्रोसेसिंग फीस और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर अलग-अलग रकम ली गई।
पीड़ितों का कहना है कि न तो किसी आवेदक का प्रॉपर्टी लोन स्वीकृत हुआ और न ही जमा की गई राशि वापस की गई। आवेदन पत्र में जिन लोगों के नाम और रकम का उल्लेख किया गया है, उनमें ग्राम लायरा निवासी मनोज लोधी से 56,200 रुपये, ग्राम रामपुर बीना निवासी संतोष कुमार अहिरवार से 30 से 40 हजार रुपये, गिरोल निवासी अरविंद पटेल से 30 हजार रुपये, नरेश कुमार अहिरवार से 10,200 रुपये, ग्राम सतौरिया निवासी राजकुमार अहिरवार से 65 हजार रुपये, ग्राम पालीखेड़ा बीना निवासी जगन्नाथ विश्वकर्मा से 50 हजार रुपये और ग्राम आरोली पिपरई निवासी रामकुमारी यादव से 1 लाख 50 हजार रुपये शामिल हैं।
इसके अलावा मुस्तफा, कल्याण सिंह गमेरिया, रामसेवक, रमाकांत, कृष्णपाल यादव, नेतराम, नरेंद्र अहिरवार, रामसहाय चढ़ार, अंगद, कादिर खान, बलराम पटेल और शरीफ खान से भी राशि लेने के आरोप लगाए गए हैं। पीड़ितों का कहना है कि लोन की स्थिति को लेकर बार बार संपर्क करने पर पहले उन्हें टालमटोल किया गया और बाद में फोन उठाना भी बंद कर दिया गया।
मामले को लेकर थाना प्रभारी पक्ष से जुड़े एसआई निशांत भगत ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है और पूरे प्रकरण की जांच के बाद नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।








