मध्यप्रदेश से रविवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जब महज 13 साल की एक बच्ची ने मां की डांट से नाराज होकर खुद के अपहरण की झूठी पटकथा लिख डाली। मोबाइल और मेकअप पर रोक क्या लगी, मासूम ने घरवालों को डराने के लिए फिरौती वाला नोट छोड़ा और खुद ही घर से निकल पड़ी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने पूरे शहर में उसे ढूंढ निकाला, तब जाकर इस ड्रामे की असली हकीकत सामने आई…….
जबलपुर। मोबाइल चलाने और सजने-संवरने पर रोक लगी तो एक 13 साल की छात्रा ने ऐसा कदम उठा लिया कि परिवार से लेकर पुलिस तक सभी हैरान रह गए। मां की डांट से नाराज होकर बच्ची ने खुद को अगवा किए जाने की झूठी कहानी गढ़ दी। उसने घर में फिरौती वाला नोट छोड़ा और अकेले ही घर से निकल गई। गनीमत रही कि पुलिस ने उसे महज पांच घंटे में तलाश कर लिया।
घटना रविवार दोपहर जबलपुर के खमरिया थाना क्षेत्र की है। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली यह बच्ची अपनी मां और नानी के साथ प्रियदर्शिनी कॉलोनी में रहती है। बताया जाता है कि बच्ची को मां ने दोस्तों से घंटों बातें करने, मोबाइल चलाने और मेकअप करने से रोका था। इसी बात से नाराज होकर उसने खुद के अपहरण की झूठी साजिश रच दी।
रविवार को अचानक बच्ची घर से लापता हो गई। मां और नानी ने पहले आसपास के इलाके में उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं मिली तो कमरे की तलाशी ली। उसी दौरान उन्हें बच्ची के कमरे में एक पन्ना मिला, जिस पर लिखा था कि उसे अगवा कर लिया गया है और सही सलामत वापस लाने के लिए 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई है। नोट पढ़ते ही परिजनों के होश उड़ गए।
परिवार ने फौरन खमरिया पुलिस को सूचना दी। मामला बच्चे से जुड़ा था, लिहाजा पुलिस महकमे में भोपाल तक अलर्ट जारी कर दिया गया। सीएसपी सतीष साहू और थाना प्रभारी सरोजनी चौकसे टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सबसे पहले आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और मोहल्ले में ऑटो चालकों से पूछताछ की गई। इसी दौरान एक ऑटो चालक ने बताया कि वह बच्ची को सदर इलाके में छोड़कर आया था।
पुलिस ने बच्ची की फोटो के आधार पर खोजबीन शुरू की और करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद वह सदर की गली नंबर 7 में घूमती मिली। पूछताछ में सामने आया कि बच्ची बाहर कहीं किराए का कमरा ढूंढ रही थी ताकि कुछ दिन बिना टोका-टाकी के रह सके। इसके लिए उसने अपनी गुल्लक भी तोड़ ली थी।
पुलिस के मुताबिक, फिरौती का नोट बच्ची ने खुद अपने हाथ से लिखा था। उसने नोट में धमकी भरे लहजे में लिखा था कि अगर पैसों का इंतजाम नहीं किया गया तो बच्ची का बुरा हाल होगा। जांच के दौरान जब पुलिस ने नोट की लिखावट को बच्ची की स्कूल कॉपी से मिलाया तो सारा राज खुल गया।
सीएसपी सतीष साहू ने बताया कि पूछताछ में बच्ची ने स्वीकार किया कि वह कुछ दिन आज़ादी से रहना चाहती थी, इसलिए उसने खुद के अपहरण का नाटक रचा। फिलहाल बच्ची को परिजनों को सौंप दिया गया है और पुलिस ने अभिभावकों को समझाइश दी है कि किशोरावस्था में बच्चों से धैर्य और स्नेह से पेश आएं।