भोपाल। नर्मदा एक्सप्रेस से 7 अगस्त को अचानक गायब हुईं अर्चना तिवारी अब सुरक्षित मिल गई हैं। गुमशुदगी के पूरे 13 दिन बाद जीआरपी की टीम ने उन्हें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पलियाकलां के पास, नेपाल सीमा क्षेत्र से बरामद किया। बुधवार तड़के पुलिस अर्चना को विमान से भोपाल लेकर आई, जहां उनसे विस्तृत पूछताछ की जाएगी। माना जा रहा है कि इस पूछताछ के बाद कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है।
अर्चना ने मंगलवार की सुबह खुद अपनी मां को फोन कर बताया था कि वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस सूचना के बाद जीआरपी की विशेष टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अर्चना को खोज निकाला। अर्चना के भाई दिव्यांशु मिश्रा ने भी इस बात की पुष्टि की है।
कैसे हुई शुरुआत ?
7 अगस्त को अर्चना अपने हॉस्टल से इंदौर–बिलासपुर रूट की नर्मदा एक्सप्रेस में सवार हुईं। भोपाल स्टेशन पर उन्होंने अपनी चाची से बातचीत की थी। अगले दिन सुबह 6:50 बजे जब ट्रेन कटनी पहुंची तो अर्चना वहां उतरी नहीं। इसके बाद परिवार ने तलाश शुरू की। उनका बैग ट्रेन की बर्थ पर मिलने से मामला और गंभीर हो गया और जीआरपी ने गुमशुदगी का केस दर्ज कर लिया।
जीआरपी की जांच और तलाश
9 अगस्त को पुलिस ने ट्रेन और स्टेशनों के CCTV फुटेज खंगाले, जिसमें अर्चना की आखिरी लोकेशन इटारसी स्टेशन मिली।
12 अगस्त को जीआरपी की टीम इटारसी और उसके आसपास पहुंची।
15 अगस्त तक नर्मदापुरम से लेकर कटनी तक तलाशी जारी रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
18 अगस्त को पुलिस ने ट्रैक और जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान ग्वालियर से अर्चना का कनेक्शन सामने आया।
जांच में खुलासा हुआ कि ग्वालियर में पदस्थ आरक्षक राम तोमर ने अर्चना के लिए इंदौर से ग्वालियर की बस का टिकट बुक कराया था। हालांकि अर्चना ने उस टिकट पर यात्रा नहीं की।
संदिग्ध आरक्षक से पूछताछ
19 अगस्त को पुलिस ने भंवरपुरा थाने में पदस्थ आरक्षक राम तोमर को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उसने माना कि वह अर्चना से फोन पर बातचीत करता था, लेकिन व्यक्तिगत रूप से कभी मुलाकात नहीं हुई। उसका कहना था कि वह अर्चना को पसंद करता था और एकतरफा लगाव के चलते टिकट बुक कराया था। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।
ग्वालियर कनेक्शन और अर्चना की बरामदगी
ग्वालियर के एडिशनल एसपी कृष्ण लाल चंदानी ने बताया कि आरक्षक लंबे समय से अर्चना से संपर्क में था और उसने उसके लिए ग्वालियर का टिकट भी बुक कराया था। लेकिन अर्चना 7 अगस्त को इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस में बैठकर कटनी के लिए रवाना हुईं और भोपाल के आसपास अचानक लापता हो गईं। उसी समय से उनका मोबाइल भी बंद हो गया था।
आखिरकार, 13 दिन की खोजबीन और कड़ी जांच-पड़ताल के बाद जीआरपी ने अर्चना तिवारी को नेपाल बॉर्डर से सकुशल बरामद कर लिया। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है और आज दोपहर तक पुलिस इस पूरे मामले पर बड़ा खुलासा कर सकती है।