भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने कानून-व्यवस्था और सामाजिक मूल्यों दोनों को झकझोर कर रख दिया है। ड्रग तस्करी और युवतियों के शोषण से जुड़ा यह प्रकरण एक संगठित आपराधिक नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जिसके तार देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए दुबई तक जुड़े दिखाई दे रहे हैं।
मुख्य आरोपी और गिरफ्तारी की स्थिति
इस गंभीर मामले में यासीन अहमद और उसका चाचा शाहवर अहमद प्रमुख आरोपी हैं, जो फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे हैं। पुलिस की गहन जांच से अब यह साफ होता जा रहा है कि ये दोनों सिर्फ मोहरे नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं।
देश के कई राज्यों में फैला नेटवर्क, दुबई से भी कनेक्शन
अब तक की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह राजस्थान, दिल्ली और अन्य दो राज्यों में सक्रिय था। इन्हीं जगहों से मादक पदार्थ एमडी (मेथ) भोपाल सहित अन्य इलाकों में भेजा जाता था। पूछताछ में आरोपियों ने इन बातों की पुष्टि भी की है।
शाहवर का दुबई से गहरा रिश्ता रहा है। वह न सिर्फ वहां की संपत्तियों में कारोबार करता था, बल्कि भोपाल और अन्य इलाकों के लोगों से दुबई में निवेश करवा कर बड़ा कमीशन वसूलता था। पुलिस को उसके लगातार दुबई आने-जाने के सबूत भी मिले हैं, जो इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय विस्तार की ओर इशारा करते हैं।
मोबाइल से मिला अश्लील कंटेंट, 10 युवतियों की पहचान
जब पुलिस ने यासीन का मोबाइल खंगाला, तो उसमें अश्लील और हिंसक वीडियो का बड़ा संग्रह मिला। इन वीडियो में शामिल 10 युवतियों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें अधिकांश हिंदू समुदाय की हैं। आरोप है कि इन युवतियों को पहले नशे की लत लगाई गई, फिर उनके साथ दुष्कर्म कर वीडियो बनाए गए और बाद में उन्हीं वीडियो के दम पर उन्हें ब्लैकमेल किया गया। एक पीड़िता ने FIR दर्ज कराई है, बाकी पीड़िताओं की काउंसलिंग जारी है।
पहले भी आई थी जानकारी, अब सामने आया पूरा जाल
फरवरी महीने में एमडी ड्रग के साथ दो युवकों की गिरफ्तारी हुई थी, जिन्होंने पूछताछ में यासीन और शाहवर के नाम उजागर किए थे। तब से पुलिस इनके पीछे लगी थी और 21 जुलाई को दोनों को पकड़ा गया। अब इनके खिलाफ कोहेफिजा, तलैया, अरेरा हिल्स और महिला थाने में गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हो चुके हैं।
निशाने पर थी खास एक जाति की युवतियां
पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह न सिर्फ नशीले पदार्थों की तस्करी करता था, बल्कि एक खास समुदाय की युवतियों को निशाना बनाकर उनके जीवन से क्रूर खिलवाड़ कर रहा था। यह मामला अब सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा और जागरूकता से भी जुड़ गया है।
भोपाल का यह मामला महज एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की एक सुनियोजित कोशिश की तरह देखा जा रहा है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, संभव है कि और भी चौंकाने वाले नाम और तथ्य सामने आएं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों और सहयोगियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।