सागर। पुलिस कंट्रोल रूम की सक्रियता और तकनीकी सतर्कता ने एक बार फिर आम जनता का भरोसा जीत लिया। मंगलवार दोपहर लगभग 1 बजे, आर्मी एरिया स्थित परेड मंदिर के पास रहने वाली ममता मेहरा नामक महिला भावुक अवस्था में पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचीं। उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद उपनिरीक्षक आर.के.एस. चौहान को बताया कि उनका पर्स कहीं रास्ते में गिर गया है।
पर्स में थे महत्वपूर्ण दस्तावेज और नकदी
ममता मेहरा ने पुलिस को बताया कि वह परेड मंदिर से कबूला पुल तक एक ऑटो में गई थीं और वहां से दूसरा ऑटो लेकर कटरा पहुंचीं। इसी दौरान उनका पर्स खो गया। पर्स में बैंक से जुड़े दस्तावेज, कैंटीन कार्ड, अन्य जरूरी कागजात और नकद राशि मौजूद थी।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए उपनिरीक्षक चौहान ने तत्काल कंट्रोल रूम टीम को सक्रिय किया। उन्होंने महिला आरक्षक कृतिका मिश्रा को सीसीटीवी फुटेज की जांच का जिम्मा सौंपा।
सीसीटीवी और सोशल मीडिया से मिली अहम कड़ी
कृतिका मिश्रा ने तकनीकी टीम की मदद से आस-पास के कैमरों की फुटेज खंगाली और पहला ऑटो रिक्शा चिन्हित किया, जिसमें ममता मेहरा परेड मंदिर से कबूला पुल तक गई थीं। उस ऑटो की तस्वीरें तुरंत सोशल मीडिया पर साझा की गईं।
थोड़ी देर बाद संबंधित ऑटो चालक स्वयं कंट्रोल रूम पहुंचा और बताया कि उसके पास पर्स नहीं है। इसके बाद पुलिस ने दूसरे ऑटो की तलाश शुरू की, जो कबूला पुल से कटरा तक गया था। प्रधान आरक्षक आशीष दुबे को इस खोज में लगाया गया।
तकनीकी खोज से मिला सुराग, सुरक्षित लौटा पर्स
खोजबीन के दौरान संभावित नंबरों से पता चला कि दूसरा ऑटो चालक सोहेल नामक व्यक्ति है। कंट्रोल रूम ने उससे संपर्क किया और उसे बुलाया। पूछताछ में सोहेल ने बताया कि महिला का पर्स उसके ऑटो में ही रह गया था। उसने पर्स को सुरक्षित रखते हुए तुरंत पुलिस को सौंप दिया।
कंट्रोल रूम की टीम ने पर्स को सुरक्षित रूप से ममता मेहरा के हाथों में वापस किया। चार घंटे की निरंतर मेहनत और सटीक तकनीकी सर्च के चलते यह सफलता मिली।
टीम की सराहना
इस उत्कृष्ट कार्य में उपनिरीक्षक आर.के.एस. चौहान, प्रधान आरक्षक आशीष कुमार दुबे, महिला आरक्षक कृतिका मिश्रा, गौरव कोरी और पूरी कंट्रोल रूम टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। ममता मेहरा ने पुलिस के त्वरित सहयोग और ईमानदारी के लिए टीम का आभार व्यक्त किया।
सागर पुलिस की यह तत्परता न केवल एक खोया हुआ पर्स वापस दिलाने में काम आई, बल्कि लोगों में यह विश्वास भी जगाया कि जरूरत के समय पुलिस हरसंभव मदद के लिए तैयार है।








